• मनपा का रु. ५२,६१९.०७ करोड़ का बजट
• पिछले वर्ष की तुलना में १४.५२ प्रतिशत बढ़ा बजट
• कोस्टल, जीवीएलआर, एसटीपी आदि योजनाओं पर बल
• तो शिक्षा, स्वास्थ्य और दमकल विभाग की अनदेखी
• मनपा को आमदनी का टेंशन, लक्ष्य होगा मुश्किल
सामना संवाददाता / मुंबई
देश की सबसे अमीर मुंबई महानगरपालिका ने शनिवार को बिना किसी टैक्स वृद्धि और नई योजनाओं की घोषणा के वर्ष २०२३-२४ के लिए ५२,६१९.०७ करोड़ रुपए का बजट पेश किया। इस बार का बजट अनुमान पिछले वर्ष २०२२-२३ बजट की तुलना में १४.५२ फीसदी ज्यादा है। पिछले वर्ष ४५,९४९.२१ करोड़ रुपए का बजट मनपा ने पेश किया था। मुंबई के इस बजट में विकास पर जोर देने के लिए पूंजीगत निवेश २७,२४७.८० करोड़ रुपए तक का प्रावधान किया है।
ध्यान रहे कि मनपा नगरसेवकों का पांच साल का कार्यकाल ७ मार्च, २०२२ को समाप्त हो गया है। तब से मनपा पर प्रशासक नियुक्त किया गया है। मनपा का कामकाज प्रशासक द्वारा चलाया जा रहा है। हर बार जनता के सुझाव और प्रस्ताव के आधार पर बजट तैयार किया जाता था, इस बार इसमें कहीं जनता की राय, विचार का प्रभाव नहीं दिख रहा है।
मनपा के मुख्य कार्यालय में अतिरिक्त आयुक्त अश्विनी भिड़े ने शिक्षा बजट तो पी. वेलारासु ने मुख्य बजट प्रशासक आयुक्त इकबाल सिंह चहल के समक्ष पेश किया। १९८५ के बाद यह दूसरी बार है कि देश की सबसे अमीर मनपा ने एक प्रशासक के समक्ष बजट पेश किया। इस मौके पर अतिरिक्त आयुक्त आशीष शर्मा, संजीव कुमार आदि लोग उपस्थित थे।
मनपा के कुल ५२,६१९.०७ करोड़ रुपए के बजट में पूंजीगत निवेश २७,२४७.०८ करोड़ रुपए के आवंटन के साथ ५२ प्रतिशत है, जबकि राजस्व व्यय ४८ फीसदी अर्थात २५,३०५.९४ करोड़ रुपए है। पांच साल में पहली बार पूंजीगत व्यय राजस्व व्यय से अधिक हुआ है। इस बीच कुल बजट का आकार मात्र पांच साल में दोगुना हो गया। २०१७-१८ में कुल बजट २०,०३६.६४ करोड़ रुपए था, जबकि पूंजी और राजस्व व्यय का अनुपात २५:७५ था।
आदित्य ठाकरे की मांग को सफलता
मनपा में लोकतंत्र के माध्यम से चुनकर आनेवाले जनप्रतिनिधि मौजूदा समय में नहीं हैं। मनपा में उनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है। ऐसे में नई परियोजना न लाएं, लेकिन पुरानी परियोजनाओं पर निधि देकर उसे पूरा करने का प्रयास करें। ऐसी मांग शिवसेना नेता, युवासेना प्रमुख व विधायक आदित्य ठाकरे ने की थी। नगरसेवक न रहते हुए मनमाने तरीके से नई परियोजनाओं को लाना नैतिक दृष्टि से उचित नहीं है। ऐसी भूमिका आदित्य ठाकरे ने रखी थी। इस संदर्भ में आयुक्त को पत्र भी दिया था।
वर्ष २०१७-१८ में कर्मचारियों के वेतन सहित प्रशासन की व्यवस्था पर कुल राजस्व खर्च १५,०५८.१६ करोड़ रुपए था, तब ७५ प्रतिशत राजस्व का हिस्सा होता था और विकास खर्च पर पूंजीगत निवेश ४,९७८.० करोड़ रुपए अर्थात २५ प्रतिशत होता था। अब २०२३- २४ में राजस्व खर्च ४८ प्रतिशत मतलब २७ज्ञ् कम होकर २५,३०५ करोड़ हो गया है तो पूंजीगत निवेश २७,२४७ करोड़ मतलब २७ प्रतिशत से बढ़कर ५२ प्रतिशत हो गया है।
स्वास्थ्य शिक्षा पर खर्च हुआ कम
पिछले २ वर्षों के कोरोना काल के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बजट में वृद्धि की गई थी लेकिन अब इस बार मनपा ने स्वास्थ्य सेवाओं में ३१५ करोड़ रुपए की कटौती की है शिक्षा क्षेत्र में भी २३ करोड़ रुपए की कटौती की गई है।
शिवसेना के कारण ‘बेस्ट’ को करोड़ों की मदद
पिछले कई वर्षों से आर्थिक समस्या झेल रही ‘बेस्ट’ को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के समन्वय के चलते करोड़ों रुपए की आर्थिक मदद मिली है। वर्ष २०२२-२३ में मनपा ने बेस्ट को १,३८२.२८ करोड़ रुपए की अग्रिम मदद देने का प्रावधान किया है। पिछले कुछ वर्षों में आंकड़ा ५ हजार के पार गया था। इस बार भी ‘बेस्ट’ को आर्थिक मदद के रूप में ८०० करोड़ रुपए का प्रावधान है।
हिंदूहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे स्वास्थ्य केंद्र की संख्या ५०० के पार
मुंबई में सामान्य लोगों के घर के पास उपचार मिल सके, इस उद्देश्य से पिछले वर्ष हिंदूहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे स्वास्थ्य केंद्र योजना शुरू की गई। इसके तहत अब तक १०६ स्वास्थ्य केंद्र शुरू किए जा चुके हैं। २१ मार्च तक इसकी संख्या २०८ तक पहुंचने की संभावना है। अगले वर्ष तक यह ५०० से अधिक हो जाएगी। इससे गरीब और साधारण लोगों के घर के पास मनपा की स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो सकेगी। साथ ही मनपा के बड़े अस्पतालों पर भी मरीजों की संख्या बढ़ने का दबाव कम होगा। १७ नवंबर से शुरू इस योजना का लाभ अब तक ३ लाख से अधिक लोगों ने लिया है।
९ मीटर लंबी सड़कों पर होगा फुटपाथ
इस वर्ष मनपा ने बजट में मुंबईकरों के लिए राय-विचार देने की अपील की थी, जिसमें ९६५ लोगों की सूचनाओं को शामिल किया गया है। इसमें से एक महत्वपूर्ण यह है कि ९ मीटर चौड़े रास्तों पर अब दोनों तरफ फुटपाथ बनाने की योजना तैयार की जाएगी।
राज्य सरकार के पास ७,२३२ करोड़ बकाया
मनपा क्षेत्र में विभिन्न कार्यालय, प्रॉपर्टी टैक्स, सहायक अनुदान आदि मामले में ३१ दिसंबर, २०२२ तक सरकार के पास ७,२२३.४२ करोड़ रुपए बकाया हैं। शिक्षा विभाग को अनुदान में ५,४१९.१४ करोड़ रुपए का समावेश है। बकाया जल्दी मिले ऐसा प्रयास है।
मुख्य प्रावधान, किसे मिलेगी कितनी राशि?
१- कोस्टल रोड को ३,५४५ करोड़ रुपए
२- प्राथमिक शिक्षण के लिए ३,३४७ करोड़ रुपए
३- मुंबई सीवरेज विभाग को ३,५६६.७८ करोड़ रुपए
४- स्टॉर्म वाटर ड्रेन विभाग को २,५२७ करोड़ रुपए
५- डीपी विभाग को १,३२०.२० करोड़ रुपए
६- सड़क और यातायात के लिए २,८२५.०६.७१ करोड़ रुपए
७- पुल विभाग को २,१०० करोड़ रुपए
८- फायर ब्रिगेड विभाग ६६६.२७ करोड़ रुपए
९- उद्यान और चिड़ियाघर को ७१२.९३ करोड़ रुपए
१०- गोरेगांव-मुलुंड-लिंक रोड को १,०६० करोड़ रुपए
११- स्वास्थ्य सुविधा के लिए ६,३०९ करोड़ रुपए
१२- सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को २,७५२
१३- ठोस कचरा प्रबंधन विभाग को ३६६ करोड़ रुपए
१४- बेस्ट की योजनाओं के लिए १,३८२ करोड़ रुपए
१५- मुंबई सुशोभीकरण के लिए १,७२९ करोड़ रुपए