सामना संवाददाता / भायंदर
भायंदर-पूर्व रेलवे स्टेशन पर शौचालय न होने से यात्रियों और स्थानीय निवासियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यहां प्रतिदिन हजारों यात्री आते-जाते हैं, लेकिन शौचालय की सुविधाओं के अभाव के कारण यात्रियों विशेषकर महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
शिकायत कर रहे हैं लोग?
नियमित यात्री विजय गिरी बताते हैं कि प्रत्येक दिन मुझे काम पर जाने के लिए भायंदर-पूर्व रेलवे स्टेशन से यात्रा करनी पड़ती है। शौचालय की सुविधा न होने के कारण कई बार बहुत परेशानी होती है। हमें इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान चाहिए। वहीं एक महिला यात्री ने बताया कि महिलाओं के लिए यह स्थिति और भी दयनीय है। यहां शौचालय न होने के कारण हमें अन्यत्र जगहों की तलाश करनी पड़ती है, जो कि बहुत असुविधाजनक और असुरक्षित है। स्टेशन के पास एक दुकान चलाने वाले दुकानदार ने बताया कि दिनभर की व्यस्तता के बीच शौचालय न होने से हमें यहां-वहां जाना पड़ता है। यात्री भी अक्सर हमसे शौचालय के बारे में पूछते हैं, लेकिन हमें उन्हें निराश करना पड़ता है। प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
प्रशासन की लापरवाही
इस समस्या को लेकर पूर्व नगरसेवक रोहिदास पाटील ने रेलवे प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। मनपा और रेलवे प्रशासन के बीच तालमेल की कमी के कारण यह समस्या अभी तक अनसुलझी है। वे कहते हैं कि पहले टिकट घर के पास शौचालय था, लेकिन उसे तोड़कर उसकी जगह रेलवे की इमारत का कार्य शुरू हो गया और शौचालय की कोई पर्यायी व्यवस्था भी नहीं की गई है, जिससे डायबिटीज के मरीजों, बीपी के पेशेंट, यात्रियों को भारी असुविधा होती है, प्रशासन को प्लेटफॉर्म के पास खाली जगह पर अस्थायी व्यवस्था करनी चाहिए। प्रशासन की लापरवाही का नतीजा नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है।