• बुखार और कफ को नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी
• ८० फीसदी मरीज अंतिम स्टेज में पहुंचते हैं डॉक्टरों के पास
सामना संवाददाता / मुंबई
लंग्स कैंसर दुनिया भर में जानलेवा साबित होनेवाले प्रमुख कारणों में से एक है। मौजूदा समय में इस कैंसर के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अमूमन ऐसा कहा जाता है कि धूम्रपान करनेवालों में लंग्स कैंसर होता है लेकिन अब धूम्रपान न करनेवाले भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। इसके पीछे प्रदूषण और हानिकारक रसायन मुख्य कारण हैं। इस कैंसर के लक्षण बुखार और कफ हैं, इसलिए कई लोग इन लक्षणों को नजरअंदाज करते हैं। करीब ८० प्रतिशत गैर-धूम्रपान करनेवाले लोग इलाज के लिए तब आते हैं, जब उनमें कैंसर तीसरे या चौथे स्टेज में पहुंच चुका होता है। कैंसर विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मरीजों का इलाज करना बहुत मुश्किल होता है। उल्लेखनीय है कि एक अगस्त को विश्व लंग्स कैंसर डे के रूप में मनाया जाता है। फेफड़ों के कैंसर का मुख्य कारण धूम्रपान है।
फेफड़े तक कैंसर फैलने पर इलाज संभव
जानोवा शाल्बी अस्पताल के सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. सुंदरम पिल्लई ने कहा कि फेफड़ों के वैंâसर की पुष्टि वाले अधिकतर मरीज को धूम्रपान की आदत नहीं थी। इन मरीजों को अक्सर प्रदूषण और खतरनाक रसायनों के संपर्क में आने से कैंसर हुआ था। हर साल फेफड़ों के कैंसर के १०-१५ मरीजों का इलाज किया है। इनमें से ७० से ८० फीसदी मरीज कैंसर की तीसरी और चौथी स्टेज में इलाज के लिए आए थे। इनमें से अधिकांश मरीज तंबाकू जन्य पदार्थ का सेवन नहीं करते थे। ऐसे मरीजों का इलाज रेडिएशन और कीमोथेरेपी से किया गया है।
यह है साइलेंट किलर
मेडिकवर अस्पताल के सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. शिशिर शेट्टी ने कहा कि फेफड़ों का वैंâसर एक साइलेंट किलर है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसके शुरुआती चरण में लक्षण शायद ही कभी दिखाई देते हैं। साथ ही बीमारी बढ़ने के साथ ही है लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इसलिए खुद को फेफड़ों के कैंसर से दूर रखने के लिए नियमित व्यायाम और पौष्टिक आहार आवश्यक है। आहार में फल और सब्जियां शामिल करने से फेफड़ों के कैंसर का खतरा कम हो सकता है।
‘पहले स्टेज में कैंसर फेफड़ों में पाया जाता है लेकिन शरीर के अन्य हिस्सों में नहीं पैâलता है। इतना ही नहीं शुरुआती चरण में इलाज से मरीजों के मृत्यु दर को कम करने में मदद मिलती है। दूसरे स्टेज में कैंसर लिम्फ नोड्स के साथ-साथ फेफड़ों तक फैल जाता है। तीसरे स्टेज में वैंâसर फेफड़ों और सीने के केंद्र में लिम्फ नोड्स में होता है, जबकि चौथे स्टेज में यह फेफड़ों के साथ ही शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है।
डॉ. सुंदरम पिल्लई, सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, जानोवा शाल्बी अस्पताल