सामना संवाददाता / मुंबई
केंद्र सरकार के २००० के नोट को बंद करने के फैसला पर हर तरफ से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। नोटबंदी के फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने भी प्रतिक्रिया दी है। कर्नाटक चुनाव में मिली करारी हार से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए मोदी सरकार द्वारा यह पैâसला लिया गया, ऐसी प्रतिक्रिया पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने दी है।
उन्होंने कहा कि पिछले पैâसले की तरह इस बार का भी नोटबंदी का यह पैâसला मोदी सरकार का बचकाना है। उन्होंने कहा कि पिछली नोटबंदी के ३ प्रमुख उद्देश्य थे, पाकिस्तान के आतंकवाद पर काबू पाना, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना और काला धन को नष्ट करना था। लेकिन इनमें से कोई भी उद्देश्य मोदी सरकार का पूरा नहीं हुआ है। चव्हाण ने कहा कि पिछली नोटबंदी के पैâसले से मोदी खुद स्तब्ध थे, लोग नोट बदलने के लिए बैंकों के बाहर दौड़ पड़े और सैकड़ों लोग मारे गए। पिछली नोटबंदी ने भारत में कम से कम १२० करोड़ लोगों को प्रभावित किया था। सरकार के एक निर्णय से इतनी बड़ी आबादी को परेशानी उठानी पड़ रही है, ऐसा उदाहरण अब तक मेरे सामने दूसरा कोई नहीं है, ऐसा चव्हाण ने कहा।
पिछली नोटबंदी में दस वर्ष के बच्चे से लेकर ९० साल के बूढ़े तक परेशान हुए थे। पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि जितने लोग महायुद्ध के दौरान भी प्रभावित नहीं हुए थे, उससे अधिक लोग नोटबंदी के पैâसले के कारण प्रभावित हुए थे। जिन लोगों के पास दो हजार के नोट होंगे, उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के इस पैâसले से सरकार के मूल उद्देश्य पूरे नहीं होंगे, बल्कि सरकार को आर्थिक फटका लगेगा, ऐसा चव्हाण ने कहा।