सामना संवाददाता / मुंबई
रायगड जिले के करंजा में एक हजार मछली पकड़ने वाली नौकाओं की क्षमता वाले फिशिंग हार्बर के निर्माण को लेकर स्थानीय लोगों ने विरोध किया है। इसके बावजूद राज्य की शिंदे सरकार ने १५३ करोड़ रुपए की राशि मंजूर कर इस परियोजना को हरी झंडी दी है। जिसके बाद स्थानीय लोगों का गुस्सा शिंदे सरकार के प्रति फूट पड़ा है।
परियोजना का विरोध कर रहे मछुआरा समुदाय के संजय कोली ने कहा कि इस परियोजना के आने से कई मछुआरों की रोजी-रोटी छिन जाएगी। सरकार भले ही अपनी पीठ थपथपा रही है लेकिन इस परियोजना के चलते मछुआरे सड़क पर आ जाएंगे। उनके लिए घर चलाना मुश्किल हो जाएगा। इस मामले को लेकर हमने सरकार को ज्ञापन भी दिया है लेकिन फिर भी सरकार ने इसे जबरन थोपने का काम कर रही है। जबकि, सरकार इस परियोजना के तहत अत्याधुनिक जेट्टी भी बनाने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार इस बंदरगाह को देश का सबसे बड़ा फिशिंग हार्बर बनाने के लिए कार्यरत है। रविवार को उरण नगर परिषद की नई प्रशासनिक इमारत, सावित्रीबाई फुले फूल मार्केट, भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर भवन और समाज विकास केंद्र, उरण टाउन हॉल सहित कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया।