चिराग पासवान ने आनन-फानन में बुलाई सांसदों की बैठक
राजद विधायक ने भी किया तोड़फोड़ का दावा
रमेश ठाकुर / नई दिल्ली
लोकसभा में मिले झटके से भाजपा अभी तक उबर नहीं पाई है। सरकार बनाने के लिए बहुमत के आंकड़े से दूर भाजपा अब अपने ही कुनबे यानी एनडीए में ही सेंध लगाने में जुट गई है। महाराष्ट्र में शिंदे गुट पर तो बिहार में जदयू के सांसदों पर भाजपा की नजर है, वहीं सियासी गलियारों में ऐसी सुगबुगाहट एकाध हफ्ते से है कि भाजपा के ‘ऑपरेशन लोटस’ के टारगेट पर अगली चिराग पासवान की पार्टी ‘लोक जनशक्ति पार्टी’(रामविलास) है, जिसके बाद चिराग पासवान ने आनन-फानन में सांसदों की बैठक बुलाकर दिशा-निर्देश दिए थे। बता दें कि इसके पहले राजद विधायक ने भी तोड़फोड़ का दावा किया था।
एनडीए में बढ़ रही हैं तल्खियां
मालूम हो कि चिराग पासवान खुद को प्रधानमंत्री का हनुमान कहते आए हैं, लेकिन बीते कुछ दिनों से उनकी केंद्र सरकार से तलिख्यां बढ़ गई हैं। केंद्र के तीन बिलों पर चिराग ने असहमति दिखाकर पूरी भाजपा को अपने पीछे लगा लिया है। पिछले कुछ समय से एनडीए में तल्खियां बढ़ रही हैं। जिस तरह से भाजपा के सहयोगी दल जातिगत जनगणना, वक्फ बोर्ड संशोधन बिल व लेटरल एंट्री जैसे मुद्दों पर भाजपा की लाइन से अलग बयान दे रहे हैं, उससे मोदी न केवल सकते में हैं बल्कि वह लोगों के निशाने पर भी हैं। बदलती सियासी हवा को देखते हुए चिराग सहित चंद्रबाबू नायडू का रूझान धीरे-धीरे ‘इंडिया गठबंधन’ की विचारधारा ओर जुड़ने लगा है। शायद अब सहयोगी दलों को भाजपा के डूबते जहाज का एहसास होने लगा है।
लोजपा सांसदों को दिए गए दिशा-निर्देश
बता दें कि राजद की ओर से दावा किया गया है कि लोजपा के तीन सांसद भाजपा के संपर्क में हैं। तीनों सांसदों की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकातें भी हो चुकी हैं। ऐसा दावा राजद के विधायक मुकेश रोशन द्वारा किया गया है। उनके दावे ने दिल्ली से लेकर बिहार की राजनीति तक खलबली मचा दी है। खबर जैसे ही उड़ी, पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान ने अपने सभी सांसदों से संपर्क किया। सभी को दिल्ली आने के लिए कहा। बताया जाता है कि चिराग ने अपने सांसदों को कुछ दिशा-निर्देश भी दिए हैं।