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अब जागी घाती सरकार! …टोल के कारण लगती है वाहनों की लंबी कतार

जून से शुरू होगा नया टोल सिस्टम
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में यातायात को प्राथमिकता दी जाती है, ताकि यात्रियों का समय बच सके। यही कारण है मुंबई की धड़कन कही जाने वाली लोकल ट्रेन १५-२० मिनट अगर देरी से चलती है तो अखबारों की सुर्खियां बन जाती हैं। यात्रियों को यातायात जाम से बचाने के लिए उत्तर मुंबई से दक्षिण मुंबई की बेहतर कनेक्टिविटी और समय के बचत के लिए बांद्रा-वर्ली सी लिंक का निर्माण किया गया है। लेकिन इस बांद्रा वर्ली -सी लिंक पर वाहनों को गुजरने से पहले पीक समय के दौरान टोल भुगतान के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। इस इंतजार की मुख्य वजह कुछ और नहीं, बल्कि टोल भुगतान का पुराना सिस्टम है, जिसकी वजह से पीक समय के दौरान एक लंबी कतार लग जाती है। राज्य की घाती सरकार को लोगों के समय की कीमत अभी तक समझ नहीं आई थी।
बांद्रा-वर्ली सी लिंक पर वर्तमान सड़क टोल संग्रह प्रणाली पुरानी हो चुकी है। टोल जमा करने में अधिक समय लगने की वजह से वाहनों की कतारें बढ़ती जाती हैं। इन सभी कारणों को ध्यान में रखते हुए अब महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) ने सी लिंक पर सड़क टोल संग्रह प्रणाली को बदलने का निर्णय लिया है। जून के अंत तक सी लिंक पर एक अत्याधुनिक ऑटोमेटिक टोल कलेक्शन सिस्टम इंस्टॉल किया जाएगा। ऐसा माना जा रहा है कि इससे सी लिंक पर सड़क टोल के संग्रह में तेजी आएगी और टोल का भुगतान करने के लिए आवश्यक वाहनों की लंबी कतार की समस्या का समाधान होगा।

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