सामना संवाददाता / मुंबई
किसी इमारत के गिरने, मानसून में दरार के कारण इमारत को होने वाले नुकसान या किसी अप्रिय घटना को नियंत्रित करने और पीड़ितों को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए १ जून से बांद्रा पूर्व में एसआरए मुख्यालय के भूतल पर एक आपातकालीन प्रबंधन कक्ष शुरू किया जाएगा।
पिछले साल गोरेगांव की जय भवानी इमारत में आग लगने से नौ लोगों की मौत हो गई थी और ४० से अधिक निवासी घायल हो गए थे। उस समय यह पता चला कि एसआरए भवनों की सुरक्षा खतरे में थी। भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए एसआरए ने यह अहम कदम उठाया है। मुंबई शहर और उपनगरों में कई एसआरए की इमारतें हैं। बरसात के मौसम में दुर्घटना की स्थिति में नागरिकों को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए एसआरए मुख्यालय में एक आपातकालीन कक्ष स्थापित किया जाएगा। यह आपातकालीन कक्ष न केवल मानसून के लिए बल्कि स्थायी रूप से चालू रहेगा। नियंत्रण कक्ष के द्वितीय अभियंता या सहायक अभियंता एवं संबंधित विभाग के सहायक अभियंता या द्वितीय अभियंता मौके पर जाकर वहां की स्थिति का निरीक्षण करेंगे। वह वर्तमान स्थिति की रिपोर्ट कार्यपालक अभियंता को भी देंगे।
इस कक्ष के लिए सहायक नियंत्रण अधिकारी होंगे। नियंत्रण अधिकारी २४ घंटे आपातकालीन प्रबंधन कक्ष में ऑपरेटर के संपर्क में रहेंगे और किसी भी दुर्घटना की स्थिति में संबंधित विभाग के कार्यकारी अभियंता को सूचित करेंगे।