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अब ये क्या गोलमाल है? बस जलने के बाद जारी हुआ पीयूसी सर्टिफिकेट!

अभिषेक पाठक-मनमोहन भारती / मुंबई
गत शनिवार को समृद्धि एक्सप्रेसवे पर रात के वक्त एक बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। उक्त हादसे में २५ लोगों की जलकर मौत हो गई थी। अब इस बस के मामले में एक गोलमाल का पता चला है। बस के जलकर खाक होने के बाद अगले दिन ९ घंटे बाद इसका पीयूसी (पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल) सर्टिफिकेट जारी किया गया था।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, पंजीकरण संख्या वाली बस के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट गत १ जुलाई को सुबह १०:३७ बजे जारी किया गया था। यह पीयूसी सर्टिफिकेट सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के वाहन डेटाबेस पर भी पाया गया है। इस घटना को गंभीरता से लेते हुए परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार ने मंगलवार को कहा कि दोषी पाए जाने पर विभाग इसमें शामिल स्लीपर कोच बस को सर्टिफिकेट जारी करने वाले पीयूसी केंद्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएगा।
आरटीओ सूत्रों से पता चला है कि बस के लिए पिछला पीयूसी प्रमाणपत्र १० मार्च, २०२३ को समाप्त हो गया था। हालांकि, यवतमाल स्थित एक पीयूसी केंद्र ने कोड संख्या एमएच ०२९००४१ के तहत एक नया प्रमाणपत्र जारी किया है।
आरटीओ अधिकारियों ने पहले ही यवतमाल शहर में पीयूसी केंद्र के साथ-साथ निजी स्लीपर कोच बस के मालिक को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी करके इस अवैध कृत्य के संबंध में स्पष्टीकरण मांगकर कार्रवाई शुरू कर दी है। मोटर वाहन अधिनियम के तहत, प्रत्येक वाहन मालिक के पास निर्धारित उत्सर्जन मानदंडों का पालन करने के लिए वैध पीयूसी प्रमाणपत्र होना अनिवार्य है। ऐसे प्रमाणपत्र के अभाव वाले वाहनों पर मुकदमा चलाया जा सकता है।
एक वरिष्ठ आरटीओ अधिकारी ने विश्वास व्यक्त किया कि बस मालिक ने बीमा दावे की अस्वीकृति से बचने के लिए उस बस के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट प्राप्त करने का प्रयास किया होगा। हालांकि, पीयूसी केंद्र के मालिक को वाहन के प्रदूषण स्तर की भौतिक जांच किए बिना सर्टिफिकेट जारी नहीं करना चाहिए था। कई साल पहले, सरकार ने वाहनों के प्रदूषण स्तर की भौतिक जांच सुनिश्चित करने के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट जारी करने की प्रक्रिया को कंप्यूटरीकृत किया था। इसने पीयूसी केंद्रों के लिए वाहन के नंबर प्लेट की लाइव तस्वीर खींचना अनिवार्य कर दिया।
जनवरी २०२० में हुआ था रजिस्ट्रेशन
२४ जनवरी २०२० को इस बस का रजिस्ट्रेशन आरटीओ में किया गया था। १० मार्च २०२३ को आरटीओ से १० मार्च को फिटनेस सर्टिफिकेट दिया गया, जो १० मार्च २०२४ तक वैध है। प्राथमिक जांच-पड़ताल से पता चला कि ३० जून तक उस बस का पीयूसी वैध नहीं था। यह बात हैरत में डालने वाली है कि ३ जुलाई को एम परिवहन ऐप पर बस का पीयूसी सर्टिफिकेट वैध दिखाई दे रहा है और यह सर्टिफिकेट १ जून को जारी किया गया है।

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