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तहकीकात:मुफ्त के आशियाने के बदले मौत! करियर बनाने आया युवक बन गया हत्यारा, अब घर में नहीं जेल में कटेंगे नौ साल, हाईकोर्ट में सजा कम करने की लगाई गुहार

हर इंसान के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा `रोटी, कपड़ा और मकान’ होता है। इन सभी चीजों की जुगाड़ के लिए मुंबई में देश के कोने-कोने से युवक अपना सपना साकार करने लिए चले आते हैं। शुरुआती दौर में रहने के लिए सहारा नहीं मिलने पर मुंबई के फुटपाथ पर ही अपना आशियाना बना लेते है। ज्यादातर युवा कारखानों, मिलों, होटलों में काम कर फुटपाथ पर रहकर अपने सपनों को साकार करते है। अगर इस फुटपाथ पर चंद घंटों की नींद के लिए किसी की हत्या कर दी जाए तो शायद हर कोई सुनकर आश्चर्यचकित हो जाएगा। दरअसल, इसी फुटपाथ पर नींद के लिए करियर बनाने मुंबई आया एक युवक हत्यारा बन गया। हत्या मामले में युवक को अब सेशन कोर्ट ने नौ साल की सजा सुनाई है। युवक के जीवन के महत्वपूर्ण नौ साल घर में नहीं, बल्कि जेल में कटेंगे।
साल २०१५, अगस्त का महीना, दिन शुक्रवार को तड़के भोईवाड़ा पुलिस स्टेशन का फोन बजा तो वहां मौजूद स्टेशन अधिकारी फोन उठाते ही हिल गया। फोन करने वाले ने बताया कि दादर-पूर्व स्टेशन के पास स्थित वैâलाश लस्सी के दादा साहेब फालके रोड पर मस्जिद के पास एक व्यक्ति का सिर पत्थर से कुचल दिया गया है। भोईवाड़ा पुलिस स्टेशन के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे तो वहां नायर किशनचंद पल्ली (४०) गंभीर रूप से जख्मी था। वहां लोग एक युवक को पकड़ कर खड़े थे। पुलिस ने जब लोगों से युवक के बारे में पूछा तो लोगों ने बताया कि इस युवक का नाम अजीत हनुमंत सिंह (२५) है।  इसी युवक ने नायर को पत्थर से कुचलकर हत्या करके भाग रहा था, तभी इसे हम लोगों ने पकड़ लिया। भोईवाड़ा पुलिस ने अजीत को हिरासत में लिया और जख्मी नायर को केईएम अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती किया, जहां डॉक्टरों ने नायर को मृत घोषित कर दिया।
घर की आर्थिक स्थिति खराब
भोईवाड़ा पुलिस ने आरोपी अजीत को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो युवक ने बताया कि वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। वह बीए प्रथम वर्ष में पढ़ाई करने के साथ ही घर की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण पुणे में नौकरी करता था। किसी कारण से नौकरी छूट जाने से वह बेरोजगार हो गया था। इसके बाद नौकरी की तलाश में गुरुवार को मुंबई आया था। दिनभर मुंबई की सड़कों पर नौकरी की तलाश में घूमने के बाद थक गया। मुंबई में किसी से पहचान नहीं होने की वजह से दादर स्टेशन के पास दादा साहेब फालके रोड पर फुटपाथ पर सो गया। उसी दौरान दिनभर कचरा चुनकर अपना जीवन यापन करने वाले नायर किशनचंद पल्ली फुटपाथ पर सोने आए। नायर ने अपनी जगह पर अजीत को सोता देखकर उसे उठने के लिए कहा, जिससे दोनों में झड़प हो गई। जब अजीत ने नायर की बात नहीं मानी तो जबरदस्ती उसे भगा दिया। नाराज अजीत ने उसकी हत्या करने का प्लान बनाया।
सोने का किया इंतजार
भोईवाड़ा पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सुनील दांडेकर ने बताया कि अजीत वहीं से कुछ दूरी पर बैठकर नायर के सोने का इंतजार करने लगा। जैसे ही रात २ बजे के करीब नायर सो गया तो अजीत ने फुटपाथ पर पड़े भारी-भरकम पत्थर से नायर का सिर कुचलकर भागने लगा, तभी वहां मौजूद लोगों ने अजीत को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया।
अंग्रेजी बोलने में एक्सपर्ट
अजीत अंग्रेजी बोलने में एक्सपर्ट के साथ पढ़ाई में भी होशियार है, लेकिन बेरोजगार होने के कारण मुंबई में नौकरी की तलाश में आया था। फुटपाथ पर से हटाए जाने के कारण उसने शराब के नशे में हत्या की घटना को अंजाम दिया। इस मामले में कोर्ट में चली सुनवाई के बाद सेशन कोर्ट ने अजीत को ९ वर्ष की सजा सुनाई है। आरोपी ने सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील भी किया है।

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