योगेंद्र सिंह ठाकुर / पालघर
पालघर का सार्वजनिक बांधकाम विभाग इन दिनों पूरी तरह भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है। सड़कों और ब्रिज के निर्माण में हुई धांधली की पोल लगातार खुलने से लोगों का आक्रोश भी चरम पर है। कहीं ब्रिज पर उद्घाटन से पहले ही दरारें आ गई हैं और कहीं तो नाले-नाली और रोड के बीच फर्क खत्म हो गया है। चरम पर हुई कमीशनखोरी के कारण जिले भर के मार्ग खस्ताहाल पड़े हैं। सार्वजनिक बांधकाम विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों ने मानों सरकार के मुंह पर कालिख ही पोत दी हो। श्रावण के महीने में निकलने वाली कांवड़ यात्रा जगह-जगह टूटे मार्गों से निकल रही है, जो रास्ता दुरुस्त किया गया है असल में वह कागजों में ही है, वास्तविकता से उसका कोई लेना-देना नहीं है। टूटी सड़कों और जमे पानी से उठती दुर्गंध के जरिए शायद भ्रष्ट अधिकारी शिवभक्तों की परीक्षा लेना चाहते हैं। पालघर, बोईसर और वानगांव सहित आस-पास के इलाकों में रहनेवाले हजारों कांवड़िए संजान के प्राचीन शिवमंदिर में जलाभिषेक के लिए चिंचणी-दहाणू मार्ग से पैदल जाते हैं। इस मार्ग पर कई जगहों पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं। कुछ जगहों पर तो जगह-जगह पानी जमा है। कई कांवड़िए इन गड्ढों में गिरकर जख्मी भी हो चुके हैं। बावजूद इसके सार्वजनिक बांधकाम विभाग के कमीशनखोर अधिकारियों पर इसका कुछ भी असर नहीं है। कांवड़ यात्रा में गए इंद्रजीत यादव ने बताया कि बाड़ा, पोखरण सहित कई जगहों पर मार्ग खस्ताहाल होने के कारण पानी भरा था। किसी तरह बच-बचाकर कांवड़िए निकल सके।