मुख्यपृष्ठअपराधपुराने पन्ने : माता-पिता की कातिल औलादें!

पुराने पन्ने : माता-पिता की कातिल औलादें!

श्रीकिशोर शाही
मुंबई

गत सप्ताह दिल्ली में एक ट्रिपल मर्डर से सनसनी पैâल गई। किसी ने बड़ी बेरहमी से घर में पति-पत्नी और बेटी का अलसुबह कत्ल कर दिया था। बेटा जब मॉर्निंग वॉक से लौटा तो घर में तीन अपनों की लाशें देखकर दहाड़ें मारकर रोने लगा। पुलिस को भी समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर इतनी सुबह किसने यह मर्डर किया और इसका मोटिव क्या था? क्योंकि घर में लूटपाट जैसी घटना नजर नहीं आ रही थी। बाद में जब पुलिस ने इलाके के कुछ सीसीटीवी को खंगालना शुरू किया तो शक की सुई बेटे की ओर गई, फिर तो पुलिस की हल्की सख्ती में बेटे ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसका कहना था कि मां-बाप उसकी बहन को ज्यादा प्यार करते थे और उसकी न सिर्फ उपेक्षा करते थे, बल्कि ताने भी मारते थे। उसके मन में बचपन से ही इसके खिलाफ गुस्सा था और जब बात बर्दाश्त से बाहर हो गई तो उसने यह कांड कर डाला। इस तरह का एक खौफनाक कत्ल कुछ साल पहले और भी हुआ था।
बात १९ जनवरी, २०२० की है। आगरा में एक बुजुर्ग मां-बाप की उसकी औलाद ने बड़ी ही बेरहमी से कत्ल कर दिया था। ताजनगरी आगरा के इस हैवान बेटे ने प्रॉपर्टी के लिए इस घृणित वारदात को अंजाम दिया। आगरा के गांव पुरा जसोल में रहने वाले डालचंद्र पुरवंशी (७०) एक उच्च प्राथमिक विद्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे। डालचंद्र पत्नी रामकली और छोटे बेटे कुलवीर के सात साल के बेटे शिवा के साथ रहते थे। घर में उनकी एक परचून की दुकान थी, जिसे बड़ा बेटा रामशंकर चलाता था। पिता कुछ महीने से रामशंकर से दुकान खाली करने के लिए कह रहे थे। फिर एक दिन रामशंकर ने दुकान खाली कर दी। इसके बाद दोपहर में रामशंकर अपने बेटों अमित और अजीत के साथ घर में घुस आया और पिता डालचंद्र और मां रामकली पर हमला बोल दिया। उसने कुल्हाड़ी से पिता डालचंद्र की गर्दन काटकर हत्या कर दी। खाना बना रही मां जब बचाने आर्इं तो उनके ऊपर भी उसने कुल्हाड़ी से प्रहार कर दिया। पुलिस ने घायल रामकली को आगरा पहुंचाया, जहां उनकी भी मौत हो गई। डालचंद्र का चार दिन पहले भी दुकान खाली कराने को लेकर उससे विवाद हुआ था। वो किसी भी सूरत में रामशंकर को अपने साथ नहीं रखना चाहते थे। विवाद इतना बढ़ा कि मारपीट तक हो गई थी, जिसकी शिकायत रामकली ने पुलिस से की थी। पुलिस ने इस मामले में डालचंद्र, रामशंकर, अजीत, अमित को मौके से पकड़ा था। दुकान खाली करने की बात पर उनमें समझौता हो गया था इसीलिए पुलिस ने चारों का शांतिभंग में चालान कर दिया था। मगर बड़े बेटे के दिल में बदले की आग दहक रही थी और इस आग में जलते हुए उसने अपने जन्म देनेवाले मां-बाप की हत्या कर दी।

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