श्रीकिशोर शाही
मुंबई
हाल ही में कानपुर में हुए एक अरबपति कारोबारी की पत्नी के कत्ल के मामले में ‘वो’ यानी पति की प्रेमिका को अदालत ने सबूत के अभाव में बरी कर दिया है। इस कत्ल के मास्टरमाइंड पति को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। करीब १० साल पहले कानपुर में इस बिस्कुट कारोबारी ने अपनी पत्नी के कत्ल की साजिश रची थी।
रविवार, २७ जुलाई २०१४ की दोपहर। शहर के बड़े कारोबारी का बेटा पीयूष दासानी अपनी पत्नी ज्योति के साथ एक रेस्टोरेंट से खाना खाकर निकला था, तभी कुछ दूर जाने पर चार बाइक सवारों ने पत्नी का कार समेत किडनैप कर लिया और उन्होंने पीयूष की पिटाई करके उसे छोड़ दिया। इसके बाद पीयूष ने मामले की जानकारी पुलिस को दी। खबर मिलते ही शहरभर में पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई। इधर पीयूष का रो-रोकर बहुत बुरा हाल था। ज्योति के अगवा हो जाने की खबर पूरे शहर में आग की तरह पैâल चुकी थी। कानपुर के आईजी, डीआईजी और एसएसपी पीयूष से घटना के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश कर रहे थे। पीयूष ने बताया कि उसने रास्ते से गुजरने वाले कई लोगों से मदद मांगी, लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। पीयूष का जब बयान दर्ज किया जा रहा था, तभी दोपहर डेढ़ बजे पुलिस ने उसकी होंडा अकॉर्ड कार बरामद कर ली। उसी कार के अंदर ज्योति की रक्तरंजित लाश पड़ी थी। कुछ देर में लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। वहां पीयूष भी पहुंचा, पर उसने टीशर्ट को बदल लिया था। पुलिस ने इस बात को नोट किया। इसके बाद पुलिस इस केस में बारीक से बारीक पहलू की भी जांच करने लगी। पीयूष की कॉल डिटेल निकाली गई तो एक ऐसा नंबर मिला, जिससे उसने घटना वाले दिन करीब सवा सौ बार बात की थी। साथ ही दर्जनों बार मैसेज भी भेजा था। यह नंबर मनीषा माखीजा नामक लड़की का निकला। जब पूछताछ हुई तो पता चला कि पीयूष का उसके साथ एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर था। इसके बाद पुलिस ने पीयूष को गिरफ्तार कर लिया और मनीषा को उसके सामने बैठाकर पूछताछ की तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। पता चला कि किसी बाइक सवार ने पत्नी को अगवा नहीं किया था, बल्कि पीयूष का ड्राइवर और नौकरानी उस वक्त कार में साथ थे और पीयूष के साथ मिलकर उन लोगों ने ज्योति का चाकू से गोदकर कत्ल किया था।