मुख्यपृष्ठधर्म विशेषओमान में भी गूंजता है ओम!

ओमान में भी गूंजता है ओम!

योगेश कुमार सोनी
देश ही नहीं दुनिया में भगवान शिव की आराधना की जाती है। पूरे विश्व में सनातन धर्म की गूंज है, जिसकी प्रामाणिकता प्राचीन मंदिरों से मिलती है। आज हम आपको भगवान शिव के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक ऐतिहासिक मंदिर के विषय में जानकारी दे रहे हैं, जो हमारे देश के बाहर है। ओमान के मस्कट शहर में मोतीश्वर शिव मंदिर है, जो इस देश का सबसे पुराना शहर भी है। यह फारस की खाड़ी क्षेत्र में स्थित सबसे पुराने हिंदू मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में सभी हिंदू त्योहारों पर बहुत हलचल रहती है। महाशिवरात्रि, रामनवमी, बसंत पंचमी, हनुमान जयंती, श्रावण माह और गणेश चतुर्थी बहुत धूमधाम से मनाई जाती है। महाशिवरात्रि के त्योहार के दौरान यहां लगभग देश-विदेशों से पचास हजार से अधिक भक्त इस मंदिर में पूजा करने आते हैं। इतिहास बताता है कि इस मंदिर का निर्माण १७वीं शताब्दी में गुजराती व्यापारी समुदाय ने करवाया था। गुजरात के कच्छ का भाटिया व्यापारी समुदाय सन् १५वीं शताब्दी में मस्कट में बस गया था। कुछ दस्तावेजों के आधार पर पता चलता है कि गुजराती परिवारों को १९वीं शताब्दी की शुरुआत में इतना अधिकार था कि उन्होंने ओमान के सुल्तान सैयद सईद को मस्कत से जजीबार में अपनी राजधानी स्थानांतरित करने के लिए मना लिया था। व्यापारी रतनसी पुरुषोत्तम ने मस्कट के अल-बनयान क्षेत्र में भी दो मंदिर बनवाए थे। रतनसी ओमान में हथियारों और खजूर का कारोबार किया करते थे। यह मंदिर मस्कट अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र से करीब ३० किलोमीटर दूर सुल्तान पैलेस के पास स्थित है। मस्कट के दर्सेट इलाके में एक कृष्ण मंदिर भी स्थित है। यह कृष्ण मंदिर मोतीश्वर शिव मंदिर से लगभग दस किलोमीटर दूर है। मंदिर परिसर में भगवान शिव और हनुमान की मूर्तियां हैं। बता दें कि मस्कट एक रेगिस्तान है, जहां बारिश बहुत कम होती है लेकिन मंदिर के कुएं में सालभर पानी रहता है, जिसको लोग चमत्कार समझते हैं। चूंकि इस कुएं के आस-पास इस तरह कहीं और पानी एकत्रित नहीं होता। मंदिर में तीन पुजारियों के अलावा कई प्रशासनिक कर्मचारियों के साथ रहते हैं। इसके अलावा कई स्वयंसेवकों के साथ मंदिर के कामकाज चलते हैं।

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