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आजादी वाले दिन सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां कैंसिल, शिक्षा विभाग का आदेश, टीचर समुदाय घरों पर तिरंगा फहरा फोटो भेजें

सुरेश एस डुग्गर / जम्मू

आजादी वाले दिन अर्थात १५ अगस्त को सभी सरकारी कर्मचारियों को स्वाधीनता समारोहों में हाजिर होने के साथ ही अपने-अपने कार्यालयों में होने वाले समारोहों में उपस्थित होने का आदेश दिया गया है। अर्थात उनकी छुट्टी वैंâसिल कर दी गई है। यही नहीं शिक्षा विभाग ने अध्यापकों, प्रोफेसरों, लेक्चरारों आदि को पूरे प्रदेश में अपने-अपने घरों पर तिरंगा फहरा कर फोटो सबमिट करने को भी कहा है। यही नहीं सरकारी कर्मियों को अपने सोशल मीडिया अकांउंट पर भी तिरंगे के साथ डीपी लगाने का आदेश पहले ही दिया जा चुका है।
इस बार के आजादी के पर्व को मेरी माटी, मेरा देश के तहत मनाने की मुहिम के साथ प्रदेश के सभी स्कूलों और कॉलेजों आदि को, सरकारी व प्रायवेट सभी को, सजाने के लिए कहा गया है। दूर- दराज के कई स्कूलों में अन्य कार्यक्रमों के साथ ही प्रभात फेरियों का प्रोग्राम भी शुरू कर दिया गया है।
सरकारी आदेशों की खास बात यह है कि स्कूलों में उस दिन करवाए जाने वाले समारोहों में निबंध प्रतियोगिताओं के लिए जो थीम तय की गई है, उसमें सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों को शामिल किया जाना अनिवार्य बनाया गया है।
याद रहे कि इससे पहले सामान्य प्रशासनिक विभाग ने १५ अगस्त के दिन पूरे प्रदेश मेंं होने वाले सभी सरकारी समारोहों मेंं प्रत्येक सरकारी कर्मचारियों की अनुपस्थिति अनिवार्य बनाने का आदेश जारी करते हुए कहा था कि उस दिन छुट्टी पर जाने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों को गैर हाजिर मानने के साथ ही उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। वैसे स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस पर समारोह स्थलों पर सरकारी कर्मियों की उपस्थिति अनिवार्य बनाए जाने संबंधी जारी सरकारी अध्यादेश कोई नया नहीं है। कश्मीर में आतंकवाद की शुरुआत के साथ ही यह विवाद आरंभ हुआ था, जो आज भी जारी है।
ऐसे आदेश को सख्ती से लागू करने का कार्य वर्ष २००६ में तत्कालीन मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद की सरकार के दौरान हुआ था, जिन्होंने तब स्थानीय विधायकों को भी सख्त ताकीद की थी कि अगर उनके इलाके के सरकारी कर्मचारी अनुपस्थित हुए तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

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