सामना संवाददाता / नई मुंबई
बारिश के रुकने से नई मुंबईकरों को हल्की सी राहत जरूर मिली है, लेकिन बारिश के बाद तेजी से फैल रही बीमारियों ने वह राहत छीन ली है। नई मुंबई में सर्दी, खांसी और बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। प्राइवेट और नई मुंबई महानगरपालिका के अस्पतालों में मरीजों की लंबी कतारें नजर आ रही हैं। फ्लू, डेंगू, मलेरिया और निमोनिया के मरीजों की संख्या भी बढ गई है। लोगों को इलाज के लिए एक से दो घंटे तक इंतजार करना पड़ता है।
पिछले कुछ दिनों से वाशी स्थित महानगरपालिका के ओपीडी में प्रतिदिन १,२०० से १,५०० तक मरीज आ रहे हैं। इनमें सर्दी, खांसी, बुखार के मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। आंतरिक रोगी विभाग में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ गई है। महानगरपालिका के नेरुल और ऐरोली अस्पतालों में भी कमोबेश हालात हैं। शहर के प्राइवेट अस्पतालों और छोटे-मोटे क्लीनिकों में मरीजों की संख्या २५ से ५० फीसदी तक बढ़ गई है।
महानगरपालिका की रिपोर्ट के अनुसार, जून और जुलाई महीने में गैस्ट्रो के ३४ मरीज दर्ज किए गए हैं। हालांकि, प्राइवेट क्लीनिक और अस्पतालों में इलाज कराने वाले रोगियों की संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है। तेजी से बदल रहे वातावरण (गर्मी/बरसात) के चलते मलेरिया, डेंगू, गैस्ट्रो और टाइफाइड के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। वाशी के महानगरपालिका अस्पताल में पहले ओपीडी में लगभग ५०० -६०० मरीज आते थे, अब बारिश के दौरान उनकी संख्या बढ़कर १,२०० से १,५०० के बीच हो गई है।
महानगरपालिका की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले २ महीनों में शहर के अलग-अलग अस्पतालों से जमा ब्लड रिपोर्ट के अनुसार मलेरिया के अट्ठारह और डेंगू के २९८ सस्पेक्टेड मरीज मिले हैं। इनमें से दो ही डेंगू मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनकी तबीयत ठीक हो गई है। इसके अलावा टाइफाइड के २०, डायरिया के पांच और लैप्टो का एक मरीज मिला है।
एनएमएमसी अलर्ट मोड पर है। हमने एक टास्क फोर्स की मीटिंग ली है। अस्पताल में अधिकतर केस वायरल फ्लू के हैं। तीन केस डेंगू के मिले हैं, उनके सैंपल टेस्ट के लिए हमने पुणे भेजा है। बीमारी को पैâलने से रोकने के लिए एनएमएमसी ने विशेष उपाय शुरू कर दिए हैं। स्वास्थ्य शिविर, घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया जा रहा है। डेंगू और मलेरिया के मरीज मिलने के बाद उनके रहने वाले क्षेत्र का भी सर्वे किया जा रहा है। फिलहाल, कोरोना के नए वैरिएंट `एरिस’ का कोई पेशेंट नहीं मिला है।’
-राजेश नार्वेकर, आयुक्त, नई मुंबई महानगरपालिका