होटल के बिल ने खोली बेटे के बीफ खाने की पोल
सामना संवाददाता / मुंबई
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के बेटे की ऑडी कार ने नागपुर में पांच से छह लोगों को कुचल दिया। दुर्घटना के बाद गाड़ी से लाहोरी बार का एक बिल मिला है। बावनकुले के बेटे संकेत और उसके दोस्त जिस बार से बाहर निकले, वहां के खाने-पीने का यह बिल है। इस बिल पर शराब, चिकन, मटन समेत बीफ (गोमांस) कटलेट का भी जिक्र है। गणपति उत्सव कहते हुए हिंदुत्व सिखाने वाले लोग ही बीफ कटलेट खाए हैं। यही लोग इस मुद्दे पर मॉब िंलचिंग भी करते हैं। पुलिस ने इस बिल को जप्त किया है। तुम बीफ खाते और सड़कों, रेलवे में मॉब लिंचिंग करते हो। वाह रे हिंदुत्व! आप हमें क्या हिंदुत्व सिखाओगे। इस तरह का जबरदस्त हमला शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने किया।
मीडिया से बातचीत में संजय राऊत ने इस मामले पर गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस की भी जमकर खबर ली। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से फडणवीस गृह विभाग चला रहे हैं, उन्हें महाराष्ट्र कभी माफ नहीं करेगा। संजय राऊत ने कहा कि चार वर्ष पहले के एक मामले में वे अनिल देशमुख को गिरफ्तार करने निकले हैं, लेकिन उनकी आंखों के सामने उनकी ही पार्टी के नेता की बेटे ने नशे में धुत होकर कार चढ़ाकर लोगों को मारने की कोशिश की, जिसे बचाया जा रहा है। किस तरह से इस पाप को भरोगे। इस तरह का सवाल करते हुए संजय राऊत ने चुनौती देते हुए कहा है कि पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला में हिम्मत होगी और वे खुद कानून की सुरक्षा को समझेंगी, तो इस बिल को लोगों के सामने लाएंगी। उन्होंने आगे कहा कि देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था को बर्बाद कर दिया है। इसे मोटे अक्षरों में लिखा जाएगा। महाराष्ट्र को इतना निकम्मा गृह मंत्री कभी नहीं मिला। नागपुर में उनकी नाक के सामने इतना बड़ा हादसा हो गया। १७-१८ लोग अस्पताल में हैं और जिसकी गाड़ी है, उसका नाम एफआईआर में भी नहीं है।
शिंदे से ज्यादा अजीत पवार का अधिकार
अजीत पवार ने मुख्यमंत्री पद की मांग की है। इस बारे में पूछे जाने पर संजय राऊत ने कहा कि अजीत पवार एकनाथ शिंदे से भी वरिष्ठ नेता हैं। अपने अनुभव के आधार पर वह मुख्यमंत्री पद के हकदार हैं। अगर बेईमानी की तुलना की जाए तो अजीत पवार ने शिंदे से ज्यादा बेईमानी की है। संजय राऊत ने आलोचना करते हुए कहा कि बेईमानी का पैमाना दोनों के लिए एक जैसा है।
मणिपुर के हालात कश्मीर से भी बदतर
संजय राऊत ने कहा कि मणिपुर में नेताओं की हत्या हो रही है। सड़कों पर महिलाओं से छेड़छाड़ हो रही है। छात्रों पर गोलियां और बम फेंके जा रहे हैं। दूसरी ओर गृहमंत्री मुंबई आकर चुनाव की तैयारी कर रहे हैं। मोदी-शाह मणिपुर पर कब बोलेंगे? या मणिपुर को हाथ से निकलने देना है? अब दोष देने के लिए कोई पंडित नेहरू नहीं है। मोदी ११ साल से सत्ता में हैं और मणिपुर के हालात कभी जलते कश्मीर से भी बदतर हो गए हैं। मोदी-शाह इस पर एक शब्द बोलने को भी तैयार नहीं हैं। यूक्रेन के युद्धक्षेत्र में जाकर दुनिया को हीरो का एक्शन दिखाने की बजाय मोदी को कलेजे के टुकड़े मणिपुर में जाना चाहिए, जो राष्ट्रीय चिंता का विषय है या इस्तीफा दे देना चाहिए।