सामना संवाददाता / मुंबई
भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण ने देश में वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य हितों को देखते हुए बड़ा पैâसला किया है। आईआरडीएआई ने एक अप्रैल से प्रभावी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी खरीदने पर आयु सीमा को हटा दिया है। ऐसे में अब ६५ साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग भी नई बीमा पॉलिसी खरीद सकते हैं। इसे लेकर आईआरडीएआई ने एक अधिसूचना जारी कर दी है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले लोगों को केवल ६५ वर्ष की आयु तक ही नई बीमा पॉलिसी खरीदने की अनुमति थी। हालांकि, एक अप्रैल से आईआरडीएआई ने एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा है कि बीमा देनेवाली कंपनियों को ये सुनिश्चित करना होगा कि वे सभी आयु समूहों के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रोडक्ट पेश करें। बीमा नियामक निकाय के इस कदम का उद्देश्य हिंदुस्थान में एक अधिक समावेशी स्वास्थ्य देखभाल तंत्र बनाना है। इसी के साथ आईआरडीआईए का उद्देश्य है कि बीमा कंपनियां अपने उत्पादों में विविधता लाएं।
यह भी दिया गया है निर्देश
आईआरडीएआई ने स्वास्थ्य बीमा देनेवाली कंपनियों को वरिष्ठ नागरिकों के लिए अनुरूप नीतियां पेश करने और उनके दावों के साथ ही शिकायतों से निपटने के लिए एक समर्पित चैनल स्थापित करने का भी निर्देश दिया है।
क्लेम और शिकायतों का तेजी से निपटारा
आईआरडीएआई ने स्वास्थ्य बीमा प्रदाताओं को वरिष्ठ नागरिकों जैसे विशिष्ट जनसांख्यिकी के लिए अनुरूप नीतियां पेश करने और उनके क्लेम और शिकायतों से निपटने के लिए समर्पित चैनल स्थापित करने का भी निर्देश दिया है। उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक स्वागत योग्य बदलाव है। बीमाकर्ता अपने बोर्ड द्वारा अनुमोदित अंडरराइटिंग दिशा-निर्देशों के आधार पर ६५ वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को कवर कर सकते हैं।
पॉलिसी ले सकेंगे कैंसर, एड्स के मरीज
इस अधिसूचना में जिक्र किया गया है कि अब कैंसर, हृदय रोग और एड्स जैसे गंभीर रोगों से जूझ रहे मरीजों को भी पॉलिसी जारी करने से कंपनी मना नहीं कर सकती। इसी के साथ आईआरडीएआई ने वेटिंग पीरियड को भी ४८ महीने से घटाकर ३६ महीने कर दिया है। निर्देश के अनुसार सभी पूर्व-मौजूदा स्थितियों को ३६ महीने के बाद कवर किया जाना चाहिए। भले ही पॉलिसीधारक ने शुरुआत में अपनी उन मेडिकल कंडीशन के बारे में न बताया हो।