अमर झा / मीरा रोड
मीरा-भाईंदर शहर का स्वतंत्र न्यायालय बनाने का काम मीरा रोड के कनकिया परिसर में पिछले करीब सात वर्षों से जारी है। कोविड महामारी में जहां इसका निर्माण कार्य धीमी गति से चल रहा था, लेकिन कोरोना काल खत्म होने के बाद भी रफ्तार सुस्त ही है। बस ‘तारीख पर तारीख’ मिल रही है। लोगों की मानें तो जिस रफ्तार से काम चल रहा है, उस हिसाब से अभी भी न्यायालय शुरू होने में कई और महीने लगने के आसार दिख रहे हैं।
बता दें कि मीरा-भाईंदर शहर की आबादी १४ से १५ लाख के करीब है और इतनी बड़ी आबादी के लिए एक स्वतंत्र न्यायालय की मांग शहर के वकील काफी दिनों से कर रहे थे, परंतु यह सपना जल्द साकार होता दिखाई नहीं पड़ रहा है।
न्यायालय में ६ कोर्ट रूम
मीरा रोड में बनने वाले न्यायालय में ६ कोर्ट रूम, एक महिला अधिवक्ता बार रूम, एक पुरुष अधिवक्ता बार रूम, दोनों के लिए एक-एक टिफिन रूम बनाया जाएगा। कोर्ट के पिछले हिस्से में न्यायाधीश को रहने के लिए आवास बनाए जाएंगे।
६ न्यायाधीश होंगे नियुक्त
न्यायालय शुरू होने पर शुरुआत में यहां ६ न्यायाधीशों की नियुक्ति की जाएगी। तत्काल यहां प्रथम वर्ग न्याय दंडाधिकारी (जेएमएफसी) व कनिष्ठ स्तर के दीवानी न्यायालय के केस को देखा जाएगा। सेशन कोर्ट के मामलों के लिए ठाणे जाना पड़ेगा।
समय की होगी बचत
मीरा-भाईंदर का कोर्ट ठाणे में होने के कारण छोटे-छोटे मामलों के लिए लोगों का पूरा दिन खराब हो जाता है। यहां न्यायालय शुरू होने से छोटे-मोटे मामलों का हल यहीं हो जाएगा, जिससे जनता, पुलिस व अधिवक्ता तीनों का समय बचेगा।
मीरा-भाईंदर एडवोकेट एसोसिएशन संस्था के सचिव एड. प्रवीण एच. पाटील ने उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि तत्काल कोर्ट शुरू होना जरूरी है। हमने मनपा प्रशासन से एक ऐसे भूखंड को आरक्षित करने की मांग की है, जिसे भविष्य में जेल (कारागार) बनाया जा सके, ताकि स्थानीय वैâदी को हर तारीख पर ठाणे जेल से लाने-ले जाने की समस्या न हो।