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शिंदे के आदेश पर मनपा में ९६ भ्रष्ट अधिकारियों की हुई बहाली!

 विधानसभा चुनाव में करेंगे महायुति की मदद
 एसीबी को मनपा ने नहीं दी भ्रष्टाचारियों पर मुकदमा चलाने की अनुमति

सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य की शिंदे-भाजपा सरकार भ्रष्टाचारियों का जमकर संरक्षण कर रही है। आगामी विधानसभा चुनाव विभाग भ्रष्टाचारियों के दम पर ही लड़ने की तैयारी में है। यही वजह है कि मुंबई महानगरपालिका में भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे ९६ अधिकारियों को फिर से सेवा के लिए बहाल कर दिया गया है। मनपा आयुक्त भूषण गगरानी ने २०२४ विधानसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले पैâसला लिया है। सामाजिक कार्यकर्ता जितेंद्र घाडगे ने आरटीआई के तहत यह जानकारी प्राप्त की है। मनपा आयुक्त ने आपराधिक और भ्रष्टाचार के आरोपों में निलंबित ९६ अधिकारियों की बहाली किसके आदेश पर की है, अब यह जवाब मांगा जा रहा है। जबकि इन पर कई वर्षों से भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन अब तक इन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
मनपा के जांच विभाग से मिली जानकारी के अनुसार आपराधिक आरोपों वाले १९ अधिकारियों और भ्रष्टाचार के आरोपों वाले ७७ अधिकारियों को निलंबन पुनरावलोकन समिति के निर्णय के आधार पर फिर से बहाल किया गया है। यह बैठक २७ मार्च २०२४ को हुई थी, जिसकी अध्यक्षता नव-नियुक्त मनपा आयुक्त भूषण गगरानी ने की थी। भूषण गगरानी की मनपा आयुक्त पद पर नियुक्ति के सात दिनों के भीतर ही आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया था।
भ्रष्टाचार के सबसे ज्यादा मामले सिटी इंजीनियरिंग विभाग से जुड़े हैं, जहां २८ इंजीनियरों को फिर से बहाल किया गया है। कचरा प्रबंधन विभाग के १२ अधिकारियों की बहाली की गई है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, १६ मामलों में मनपा ने एसीबी को दोषी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति अभी तक नहीं दी है। इस वजह से मनपा पर अपने अधिकारियों की कानूनी जवाबदेही से बचने के आरोप लगाए जा रहे हैं।

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