- विपक्ष ने अपनाई आक्रामक भूमिका
सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य सरकार का मानसून सत्र आज से शुरू हो गया है। इस अधिवेशन के पहले दिन ही विपक्ष सदन और सदन के बाहर आक्रामक दिखाई दिया। कल अधिवेशन शुरू होने से पहले ही विधिमंडल की सीढ़ी पर बैठकर विधान परिषद विरोधी दल नेता अंबादास दानवे, युवासेनाप्रमुख व पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे के नेतृत्व में विरोधी दलों के सदस्यों ने शिंदे गुट को निशाना बनाया। ‘सास के कारण बंटवारा हुआ, सास हिस्से में आई’ (सासूमुळे वाटणी झाली आणि सासू वाट्याला आली), ‘५० खोके एकदम ओके’ ऐसी जोरदार घोषणा विरोधी दल के सदस्यों ने की। इसके साथ ही ‘असंवैधानिक’, ‘कलंकित’ सरकार धिक्कार हो, इस आशय का बैनर लहरा कर सरकार के विरोध में विपक्षी दलों के विधायकों ने जमकर नारेबाजी की। इस आंदोलन में युवासेनाप्रमुख व पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे के अलावा कांग्रेस नेता बालासाहेब थोरात, पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, अशोक चव्हाण आदि आघाड़ी के सदस्यों ने हिस्सा लिया और सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की।
इसके बाद कल सदन का कामकाज शुरू होने पर विधानसभा में मंत्रियों के परिचय आदि के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोरात ने विधानसभा अध्यक्ष के पास स्थगन प्रस्ताव पेश किया। थोरात ने सदन का सभी कामकाज रोककर किसानों के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की। अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने थोरात के स्थगन प्रस्ताव को इनकार दिया। विरोधी दल के सदस्यों ने किसान विरोधी सरकार हाय हाय के नारे लगाते हुए सदन का त्याग किया। इसके बाद अध्यक्ष ने सदन का कामकाज पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।
उपसभापति को हटाने की मांग
शिवसेना से टूटकर गद्दार गुट में शामिल हुई नीलम गोर्हे को विधान परिषद के उपसभापति पद से हटाने की मांग को लेकर सोमवार को मानसून सत्र के पहले दिन ही जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि शिवसेना को छोड़कर शिंदे गुट में शामिल हुई नीलम गोर्हे, जो सदन में उपसभापति पद पर हैं, उनसे हमें न्याय की अपेक्षा नहीं है। ऐसे में उन्हें पद से हटाया जाना चाहिए। इस संदर्भ में विपक्ष के विधायकों ने सदन में उपसभापति नीलम गोर्हे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने को लेकर जमकर हंगामा मचाया और नारेबाजी की।