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पहले ही दिन हमें ईडी सरकार की मनमानी का हो गया एहसास! : भास्कर जाधव

सामना संवाददाता / मुंबई

मानसून अधिवेशन के पहले दिन की शुरुआत में ही सत्ताधारी दल ने विरोधी दलों को बेदखल करने का काम शुरू कर दिया है। यानी ईडी सरकार ने मनमानी शुरू कर दी है, ऐसा आरोप विरोधी दलों द्वारा लगाया जा रहा है। अधिवेशन के पहले दिन सदन और सदन के बाहर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच हंगामा देखने को मिला है। इस बीच शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी के नेता भास्कर जाधव ने सत्ताधारी दल पर जमकर हमला बोला है। भास्कर जाधव ने कहा कि सभागृह में कल विशेष कामकाज नहीं था। इसके साथ ही सरकार के पास भरपूर में बहुमत है। इसलिए सरकार के सौहार्दपूर्ण वातावरण में विरोधी दलों को अपना मत रखने का अवसर मिलेगा, ऐसी अपेक्षा विरोधी दलों को सरकार से थी। परंतु बालासाहेब थोरात ने अपनी भूमिका रखने का प्रयास किया था। लेकिन सरकार ने उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया और बोलने का अवसर भी नहीं दिया। जाधव ने यह भी कहा कि आगे भी इसकी कोई संभावना नहीं है कि सरकार विपक्ष की बात विनम्र और लोकतांत्रिक तरीके से सुनेगी।
मैं विपक्ष के नेता के बारे में कुछ नहीं जानता। नीलम गोर्हे विधान परिषद की उपसभापति हैं। उनके खिलाफ भाजपा के विधायक प्रवीण दरेकर अविश्वास प्रस्ताव लाए थे। विधान परिषद के सदस्यों का इस आग्रह में कुछ भी गलत नहीं है कि अविश्वास प्रस्ताव पर बहस और मतदान होना चाहिए। नीलम गोर्हे के शिंदे गुट में शामिल होने के बाद प्रवीण दरेकर ने अविश्वास प्रस्ताव वापस ले लिया। उनके ऊपर अविश्वास प्रस्ताव दाखिल हुआ है तो वह योग्य हैं, ऐसा जाधव ने स्पष्ट किया। बालासाहेब थोरात ने किसानों का सवाल उठाने का प्रयत्न किया, लेकिन उन्हें किसानों का मुद्दा रखने नहीं दिया है, ऐसा भी जाधव ने कहा।

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