सामना संवाददाता / मुंबई
देश में लोकतंत्र और संविधान बचाने के लिए विरोधी दल दिन प्रतिदिन एकजुट और मजबूत हो रहे हैं। देश में जो लोग लोकतंत्र हटाना चाहते है, ऐसे लोकतंत्र विरोधी शक्तियों का सामना करने के लिए और देश में सोई हुई जनता को जगाने के लिए हम एक साथ आए हैं, ऐसा जोरदार हमला शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कल सत्ताधारियों पर किया। दिल्ली सरकार के अधिकार को छीनने वाले तानाशाही लोगों की राज्यसभा में निश्चित ही हार होगी। ऐसा विश्वास उन्होंने व्यक्त किया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कल दोपहर मातोश्री निवास स्थान में उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। नरेंद्र मोदी सरकार ने दिल्ली में केजरीवाल सरकार के अधिकार छीनने का काम किया था। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उसे बहाल किए जाने के बाद अब मोदी सरकार फिर से तानाशाही दिखाते हुए उनके अधिकारों को छीन रही है। उस तानाशाही के विरोध में समर्थन जुटाने के लिए केजरीवाल ने देश के विविध विरोधी दलों के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं।
मातोश्री पर मुलाकात के दौरान उद्धव ठाकरे, केजरीवाल और मान के बीच विरोधी पक्षों को एकजुट कर अधिक मजबूत करने के संदर्भ में चर्चा हुई। मुलाकात के बाद पत्रकार परिषद में तीनों नेताओं ने मीडिया से संवाद किया। उद्धव ठाकरे ने इस दौरान कहा कि रिश्तों के जतन के लिए शिवसेना और मातोश्री विख्यात है। कुछ लोग सिर्फ सियासत करते हैं लेकिन हम राजनीति से आगे जाकर नाता जोड़ते हैं।
… तो लोकतंत्र गायब हो जाएगा
आगामी वर्ष में चुनाव में अगर आपके हाथ से ट्रेन छुटी तो देश से लोकतंत्र गायब हो जाएगा। ऐसी चेतावनी भरी सलाह उद्धव ठाकरे ने केजरीवाल को दी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में लोगों ने केजरीवाल सरकार को चुना है और उनके निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को कोई अधिकार है क्या? ऐसा सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि कभी ऐसा दिन आएगा कि राज्य में चुनाव नहीं होंगे सिर्फ केंद्र में चुनाव होगा और देश में एक ही पार्टी की सरकार होगी, ऐसा जोरदार लताड़ उद्धव ठाकरे ने लगाई।
…यह कैसा लोकतंत्र?
गजेटेड अधिकारियों की नियुक्ति और बदली के संदर्भ में दिल्ली सरकार को अधिकार देने का निर्णय सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में दिया है। लोकतंत्र के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण निर्णय था। लेकिन केंद्र सरकार ने इसके विरोध में अध्यादेश निकाला है। यह कौन सा लोकतंत्र है। इस मुलाकात के दौरान शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के नेता व सांसद संजय राऊत, पूर्व मंत्री सुभाष देसाई, विधायक आदित्य ठाकरे, पक्ष के सचिव व सांसद अनिल देसाई, विनायक राऊत, मिलिंद नार्वेकर, सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, ‘आप’ के सांसद संजय सिंह, दिल्ली के शिक्षा मंत्री अतिशी मार्लेना, राघव चड्ढा सहित अन्य प्रमुख नेता उपस्थित थे।
अध्यादेश वापस लेने को करेंगे मजबूर- संजय राऊत
केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के खिलाफ अध्यादेश निकाला है। जो बहुत ही गलत है। लोगों ने जिस सरकार को चुना है। उसके अधिकार को कम करने की साजिश है, ऐसा सांसद संजय राऊत ने इस मौके पर कहा। उन्होंने कहा कि लोकसभा में भाजपा बहुमत में होने के कारण वह वहां मंजूर हो जाएगा लेकिन राज्यसभा में विरोधी दलों का बहुमत है। इसलिए हम उसे पीछे लेने के लिए जोर देंगे। ऐसी भूमिका संजय राऊत ने स्पष्ट की।
तानाशाही ही चलानी है तो चुनाव क्यों?
उद्धव ठाकरे से मुलाकात के बाद बोले केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कल ‘मातोश्री’ पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान, सांसद संजय सिंह और राघव चड्ढा भी थे। इस मुलाकात के बाद ज्वाइंट प्रेस कॉन्प्रâेंस को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आठ साल की लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनके पक्ष में पैâसला दिया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के पैâसले को पलटते हुए केंद्र सरकार ने अपनी मनमर्जी से एक अध्यादेश लाकर जनता की चुनी हुई सरकार के अधिकार छीन लिए।
केजरीवाल ने कहा कि लोकतंत्र में जनता का राज चलेगा या गवर्नर का? लेकिन केंद्र सरकार को लोकतंत्र और जनता से कोई सरोकार नहीं है। वे अहंकार से भरे हुए हैं। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में हमारी सरकार बनी और कुछ दिनों के अंदर ही केंद्र सरकार ने हमारी शक्ति छीन ली। हमारा अधिकार छीन लिया।
मंत्री देते हैं जजों को गाली!
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मोदी सरकार के मंत्री सुप्रीम कोर्ट के जजों को गंदी-गंदी गालियां देते हैं। इनके मन में अदालतों के लिए कोई सम्मान नहीं है। ये लोग न्यायाधीश और न्याय व्यवस्था के खिलाफ सोशल मीडिया में मुहिम चलाते हैं। ये रिटायर्ड जजों को देशद्रोही बता देते हैं। इसी के साथ केजरीवाल ने मोदी सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि यदि अहंकार से और तानाशाही से ही सरकार चलानी है तो चुनाव क्यों करवाते हो?
अहंकार में चूर है मोदी सरकार
८ साल लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हमारे पक्ष में फैसला दिया तो अहंकार से भरी केंद्र सरकार को लगा कि सुप्रीम कोर्ट उनके खिलाफ फैसला देने की हिम्मत कैसे कर सकता है। इस पैâसले के आठ दिनों के अंदर ही केंद्र सरकार ने नया अध्यादेश लाकर हमारी शक्ति छीन ली। ये लोग कोर्ट को नहीं मानते। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पहले उन्होंने ऑपरेशन लोटस चलाया। जब आम आदमी पार्टी का एक भी नेता नहीं बिका तो अध्यादेश लाकर हमारे दिल्ली की जनता का हक छीन लिया। हमारी लड़ाई मोदी सरकार की तानाशाही के खिलाफ है। विधायकों को तोड़कर देशभर में सरकार बनाना बीजेपी का धंधा है। ये तीन तरह से काम करते हैं या तो ये किसी सरकार के विधायकों को पैसे से तोड़कर सरकार गिरा देते हैं। अगर वे नहीं बिकते हैं तो सीबीआई और ईडी का डर दिखाते हैं। यह भी काम नहीं करता तो ये अध्यादेश लाकर सरकार को पंगु बना देते हैं।