राजन पारकर
देश के ५४३ और महाराष्ट्र के ४८ लोकसभा क्षेत्रों में एक है भिवंडी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र। २००८ में हुए परिसीमन के बाद यह लोकसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया है। परिसीमन से पहले ठाणे जिले में आने वाली भिवंडी डहाणू लोकसभा संसदीय क्षेत्र का हिस्सा था। इसे डहाणू से अलग कर दिया गया। २००९ में यहां पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ और कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की। कांग्रेस पार्टी के सुरेश टावरे भिवंडी के पहले सांसद बने। इसके बाद २०१४ और २०१९ में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज की है। २०१९ में यहां भाजपा के कपिल पाटील ने जीत दर्ज की। भाजपा के कपिल पाटील ने कांग्रेस के सुरेश काशीनाथ टावरे को हराया।
उस चुनाव में कपिल पाटील को जहां ५२.०९ प्रतिशत वोट मिले, वहीं कांग्रेसी सुरेश काशीनाथ टावरे को ३६.५४ प्रतिशत वोट मिले। वंचित बहुजन आघाड़ी के अरुण दामोदर सावंत को ५.१२ मत मिले, जबकि निर्दलीय नितेश रघुनाथ जाधव को २.०६ प्रतिशत वोट मिले। इस बार भिवंडी लोकसभा से भाजपा के केंद्रीय राज्यमंत्री कपिल पाटील के खिलाफ चुनाव में महाविकास आघाड़ी की सहयोगी कांग्रेस से पूर्व सांसद सुरेश टावरे और जिजाऊ संगठन से विश्वसनीय उम्मीदवार नीलेश सांबारे के भी लोकसभा लड़ने की उम्मीद है।
इस बार कांटे का मुकाबला है। वैसे कपिल पाटील जब से केंद्रीय राज्यमंत्री बने हैं, तभी से क्षेत्र में उनका जनसंपर्क पूरी तरह से खत्म हो गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि जिस नागपुर समृद्धि महामार्ग के विकास के मुद्दे का ढिंढोरा पीटा जा रहा है, उस रास्ते के बगल में सॉल्ट और फॉरेस्ट लैंड है। उस पर केंद्रीय राज्यमंत्री कपिल पाटील और उनके आदमियों द्वारा बड़े पैमाने पर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किया जा रहा है। ऐसी चर्चा पूरे भिवंडी के व्यापारियों में चल रही है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि पूरे भिवंडी लोकसभा में आजकल एक ही नारा गूंज रहा है `दो टर्म की भूल इस बार गिरा दो कमल का फूल’
भिवंडी लोकसभा का वोट गणित
भिवंडी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत छह विधानसभा क्षेत्र कल्याण-पश्चिम, मुरबाड, शाहपुर, भिवंडी-पूर्व, भिवंडी-पश्चिम और भिवंडी ग्रामीण शामिल हैं। इन छह विधानसभा में दो पर भाजपा, दो पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष, एक पर समाजवादी पार्टी और एक पर एनसीपी ने जीत दर्ज की है। भिवंडी में कुल १८,९०,१०० मतदाता हैं। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या ८,५२,९७१ है, जबकि महिला मतदाताओं की सख्या १०,३७,०१४ हैं। यहां थर्ड जेंडर मतदाता ११५ हैं। २०१९ में यहां कुल मतदान प्रतिशत ५३.१८ था। एनडीए या महाविकास आघाड़ी ने अपने उम्मीदवार के नाम का एलान नहीं किया।
ग्रेटर मुंबई महानगरीय समूह का हिस्सा
भिवंडी क्षेत्र ठाणे जिले का हिस्सा है। यह लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र ग्रेटर मुंबई महानगरीय समूह का हिस्सा है। कभी भिवंडी क्षेत्र में आदिवासी निवास था। मुगलों ने अपने शासनकाल में यहां ईदगाह का निर्माण कराया था। इसे अब ईदगाह चौराहा कहा जाता है। समुद्री तट के नजदीक होने की वजह से यहां बड़ी संख्या में मछली का व्यापार किया जाता है।
पहले चुनाव में कांग्रेस की जीत
२००९ में परिसीमन के बाद जब भिवंडी लोकसभा क्षेत्र बना, तब यहां हुए पहले चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की थी। कांग्रेस पार्टी के सुरेश टावरे ने भाजपा के जगन्नाथ पाटील को ४१,३६४ वोटों से हराया था। तीसरे स्थान पर महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के देवराज म्हात्रे थे। म्हात्रे को १,०७,०९० वोट मिले थे, जबकि निर्दलीय विश्वनाथ पाटील को ७७,७६९ वोट और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार आर आर पाटील को ३२,७६७ वोट मिले थे। परिसीमन से पहले जब डहाणू लोकसभा क्षेत्र था, तब यहां कांग्रेस पार्टी जीत दर्ज करती थी। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय जनता पार्टी ने यहां जीत दर्ज की थी।