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शराब विक्रेताओं की खुलेआम लूट … मूकदर्शक बना प्रशासन!

शिवसेना का आरोप, करोड़ों की वसूली के पीछे अदृश्य महाशक्ति
सामना संवाददाता / जम्मू
जम्मू-कश्मीर में शराब बिक्री पर‌ निर्धारित मूल्य से अधिक की वसूली पर आबकारी एवं पुलिस प्रशासन का मूकदर्शक बने रहना, सोचने पर मजबूर करता है कि मिलीभगत से वसूली के इस गोरखधंधे को अंजाम दिया जा रहा है। यह कहना है शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रमुख मनीष साहनी का। जम्मू प्रेस क्लब में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में प्रदेश प्रमुख मनीष साहनी ने कहा कि लंबे समय से जम्मू-कश्मीर में लगभग हर शराब विक्रेता खुलेआम एमआरपी से अधिक कीमत पर शराब की बिक्री कर रहा है। शराब की हर बोतल पर १० से ५० रुपए अतिरिक्त वसूल कर प्रतिदिन लाखों व प्रतिमाह करोड़ों रुपए किस अदृश्य शक्ति को पहुंचाए जा रहे हैं, इसकी गहन जांच पड़ताल होनी चाहिए।
साहनी ने कहा कि आबकारी विभाग द्वारा तय कीमत से अधिक वसूली पर ४० हजार रुपए तक का भारी जुर्माना तथा लाइसेंस रद्द करने तक का प्रावधान है, इसके बावजूद धड़ल्ले से यह अवैध वसूली जारी है। उन्होंने कहा कि पुलिस, आबकारी विभाग को दर्जनों शिकायतें करने के बावजूद मूकदर्शक बने रहने का खेला जारी है। जिससे यह आशंका प्रबल होती है कि संबंधित विभागों के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से यह गोरखधंधा चल रहा है। साहनी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल हमेशा भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन तथा ईमानदार अधिकारियों की तैनाती का दावा करते हैं, लेकिन आबकारी तथा पुलिस विभाग के कुछ अधिकारी इसे नजरअंदाज कर उक्त दावों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। साहनी ने उपराज्यपाल तथा जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव से मांग की है कि इस गोरखधंधे की गहन जांच कर इस पर पूरी तरह अंकुश लगाया जाए। इसके साथ ही साहनी ने धार्मिक स्थलों तथा शिक्षा संस्थानों के करीब शराब की दुकानों को बंद‌ करने की अपनी मांग दोहराई है। इस मौके पर महासचिव विकास बख्शी, उपाध्यक्ष बलवंत सिंह, अध्यक्ष कामगर राज सिंह, सचिव राकेश हांडा उपस्थित थे।

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