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संविधान की रक्षा के लिए तानाशाही का विरोध… महाविकास आघाड़ी की ‘वज्रमूठ’ सभा की जोरदार तैयारी

सामना संवाददाता / मुंबई
महाविकास आघाड़ी द्वारा संविधान की रक्षा के लिए और तानाशाही के विरोध में ‘वङ्कामूठ’ उठाने से देश के जुल्मी सत्ताधारियों की नींव हिलने लगी है। छत्रपति संभाजीनगर और नागपुर के बाद महाविकास आघाड़ी की वङ्कामूठ सभा आगामी १ मई को महाराष्ट्र दिन पर होगी। इस सभा के लिए जोरदार तैयारियां शुरू हैं। बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में होनेवाली इस सभा में अभूतपूर्ण भीड़ उमड़ने की उम्मीद है। कल सभा का टीजर लॉन्च होने के साथ ही इस सभा को सोशल मीडिया पर भारी पैमाने पर प्रतिसाद मिल रहा है।
देश का आम आदमी महंगाई की मार झेल रहा है। बढ़ती बेरोजगारी ने युवा पीढ़ी को बुरी तरह प्रभावित किया है। अन्नदाता बलिराजा प्राकृतिक आपदाओं से परेशान है, किसान आत्महत्या कर रहे, रसोई गैस सिलिंडर के महंगे होने से गृहिणियां सरकार को कोस रही हैं। इन समस्याओं का समाधान करने की बजाय इसके खिलाफ आवाज उठाने वाले विपक्षी दलों की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। गैर भाजपाई सरकारों को साजिश के तहत गिराया जा रहा है। इसके लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। महाविकास आघाड़ी ने भाजपा सरकार के इस दमन के खिलाफ यलगार करते हुए वङ्कामूठ सभा की शुरुआत की। जुल्मी सत्ता के सिंहासन को उखाड़ फेंकने के लिए जनता भरपूर प्रतिसाद दे रही है। मुंबई में सभा की पूर्व तैयारी के लिए हाल ही में सांताक्रुज में ग्रैंड हयात होटल में महाविकास आघाड़ी की एक बैठक हुई। इसमें शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस पार्टियों के नेता और पदाधिकारी उपस्थित थे। उसके बाद राकांपा और कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों की अलग-अलग बैठक हुई, कल टीजर लॉन्च किया गया। इसमें पिछली वज्रमूठ सभाओं की भीड़ और इसे संबोधित करने वाले आघाड़ी के नेता उद्धव ठाकरे, अजीत पवार, नाना पटोले आदि नजर आ रहे हैं। देश की १३८ करोड़ जनता एक संविधान की रक्षा नहीं कर सकती क्या? ऐसा सत्ताधारियों का धड़कन बढ़ानेवाला सवाल उद्धव ठाकरे करते हुए दिखाई दे रहे हैं। टीजर में सभा का स्थान और समय भी दिया गया है और बड़ी संख्या में उपस्थित रहने का आह्वान भी किया गया है।
स्थान- एमएमआरडीए मैदान, बीकेसी
समय- शाम ५ बजे

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