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तीन दिवसीय योग शिविर का समापन

सामना संवाददाता / परभणी

महाराष्ट्र के परभणी जिले के जिंतूर तहसील में योग ऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज के परम शिष्य पूज्य स्वामी डॉक्टर परमार्थ देव जी का तीन दिवसीय योग शिविर का आयोजन किया गया था। 29, 30, 31 मार्च को सुबह 5.30 से 7.30 तक यह शिविर संपन्न हुआ। इस शिविर में जिंतूर शहर के हजारों भाई-बहन, युवा, विद्यार्थी सहभागी हुए थे। इस शिविर का उद्घाटन मुकुंद लाल साहू अध्यक्ष, सावजी बैंक के करकमलों द्वारा संपन्न हुआ। इस शिविर में पूज्य स्वामी परमार्थ देव जी ने विविध आसन, प्राणायाम, घरेलू उपचार, एक्यूप्रेशर, सूक्ष्म व्यायाम आदि सहज व्यायाम पद्धति का प्रशिक्षण उपस्थित योग साधकों को दिया। साथ ही पतंजलि आयुर्वेद के विविध आयुर्वेदिक औषधियां तथा अन्य उत्पादों की जानकारी के साथ स्वदेशी की महिमा उपस्थित जन समुदाय को विदित की।
इस शिविर के दरम्यान 29 मार्च को पूज्य स्वामी परमात्मा देव जी का विशेष कार्यक्रम वसंतराव नाइक महाराष्ट्र कृषि विद्यापीठ में आयोजित किया गया था। किसान संगोष्ठी के इस कार्यक्रम में अध्यक्ष विद्यापीठ के कुलगुरु डॉक्टर इंद्र मणि जी थे। “आहार आरोग्य चिकित्सा में अन्नदाता किसानों की भूमिका” इस विषय पर बोलते हुए डॉक्टर स्वामी परमात्मा देव जी ने आधुनिक खेती में प्राकृतिक खेती का महत्व, उर्वरक, पेस्टिसाइड्स और केमिकल खेती के द्वारा जो अपरिमित नुकसान संपूर्ण प्रकृति को हो रहा है उसके बारे में चर्चा की और प्राचीन काल में हमारे ऋषि मुनि जिस प्रकार को प्रकृति को अपना सर्वस्व मानकर प्रकृति की रक्षा करते थे। जल, वायु प्रदूषण से जो नुकसान आज खेती को हो रहा है, उसका परिणाम मनुष्य को विचलित कर रहा है, रोगी बना रहा है। इसलिए अब हमें फिर से एक बार हमारे जड़ों की ओर लौटने का समय आ गया है, ऐसा आह्वान सभी किसान भाइयों को किया।
इस किसान संगोष्ठी में विद्यापीठ के कुलगुरु डॉ. इंद्र मणि ने डॉ स्वामी परमार्थ देव जी का स्वागत करते हुए कहा कि आपने संपूर्ण मनुष्य के आहार और आरोग्य के बारे में एक नई पहल की है। निश्चित ही आपके विचार आने वाले भविष्य में क्रांतिकारक और मार्गदर्शक साबित होंगे। डॉ. इंद्र मणि ने अपने भाव व्यक्त हुए करते हुए कहा कि वसंत राव नाईक महाराष्ट्र कृषी विद्यापीठ और पतंजलि योगपीठ के साथ मिलकर कृषि के क्षेत्र में अगर काम करते हैं तो संपूर्ण मराठवाड़ा में कृषि के क्षेत्र में एक नई क्रांति जरूर आएगी।
शुक्रवार 29 मार्च को शाम 5 से 7 बजे सेलू तहसील में साई नाट्य गृह में स्वामी परमार्थ देव जी का विशेष संबोधन सेलू के नागरिक योग साधक कार्यकर्ता युवा और माताओं के लिए आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में चर्चा करते हुए माताओ की संस्कारक्षम नया समाज बनाने में भूमिका पर स्वामी जी ने उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में सेलू शहर के अनेक गणमान्य व्यक्ति सामाजिक राज्य किया धार्मिक क्षेत्र के कार्यकर्ता उपस्थित थे। इस कार्यक्रम वारकरी समुदाय के लक्ष्मण महाराज पाथरीकर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
शनिवार 30 मार्च को स्वामी परमार्थ देव जी ने परभणी में जिंतूर में स्थापित सुंदरलाल साहू जी सहकारी बैंक के मुख्यालय को भेंट की। इस भेंट के दर में बैंक के अध्यक्ष मुकंद लाल सावजी तथा बैंक के सभी संचालक और कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम के दरम्यान स्वामी परमार्थ देव जी ने अर्थ से परमार्थ तक की यात्रा का वर्णन करते हुए कहा कि मनुष्य को अपना अर्थर्जन भी धर्म अनुसार करना चाहिए। जब तक धर्म को केंद्र में रखकर मनुष्य अपने सारे कार्य करेगा, तब तक मनुष्य को चिंता की कोई आवश्यकता नहीं होगी। हमारे कार्य में जब अधर्म, अन्याय, अनीति का सहारा लेकर मनुष्य अर्थार्जन करता है तो निश्चित ही केवल उसका ही जीवन नहीं, अपितु उसके आने वाले पीढ़ियों को भी उसके दुष्परिणाम भोगने पड़ते हैं।
सायंकाल के सत्र में पूज्य स्वामी परमार्थ देव जी ने जवाहर विद्यालय जिंतूर के निवासी छात्रों के साथ योग प्राणायाम और राष्ट्रीय विचार पर युवाओं की भूमिका के विषय में उपस्थित युवाओं को संबोधित किया।
रविवार 31 मार्च की सुबह को योग शिविर के साथ तीन दिवसीय योग शिविर का समापन हुआ। इस शिविर में परभणी के साथ जिंतूर मनवत सेलु पूर्णा आदि तहसीलों से पतंजलि के अनेक कार्यकर्ता सौभाग्य हुए थे। शिविर के पश्चात झाड़ फाउंडेशन जिंतूर द्वारा आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में स्वामी जी ने सहभाग किया। इस वक्त पर बोलते समय वृक्ष से धरती का और पर्यावरण का संरक्षण और मानवता के समृद्धि के लिए वृक्षों की महत्ता पर स्वामी जी ने उपस्थित जन समुदाय को मार्गदर्शन किया।
दोपहर में गंगाखेड में पतंजलि के कार्यकर्ताओं की विशाल बैठक संपन्न हुई, जिसमें पूर्णा, मानवत गंगाखेड तहसील ओके अनेक कार्यकर्ता सभा की हुए थे। इस कार्यक्रम में श्री नंदीकेश्वर शिवाचार्य महाराज मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कुछ डॉक्टर स्वामी परमार्थ देव जी ने कोरोना के पश्चात वर्तमान परिपेक्ष में योग शिक्षक कार्यकर्ताओं की भूमिका पर अपने विचार रखे, साथ ही पतंजलि योगपीठ परिवार के माध्यम से चलाई जाने वाले सेवा कार्यों की भी चर्चा की। आज योग से आरोग्य प्राप्ति के लिए संपूर्ण समाज की सेवा में लगने के लिए कार्यकर्ताओं को आवाहन किया। पतंजलि की नि:शुल्क योग कक्षाएं समाज के लिए वरदान हैं और कार्यकर्ताओं को नि:शुल्क योग कक्षाएं चलाकर समाज-देश की सेवा का मौका मिला है, ऐसा प्रतिपादन किया। अपने सनातन विचार परंपरा और ज्ञान को बढ़ाने के लिए और जन-जन तक पहुंचने के लिए पतंजलि के कार्यकर्ता अपने तन-मन-धन से समाज की सेवा में लग जाएं, इसलिए उनको प्रेरित किया।
संगठन विस्तार के इस प्रवास के दरम्यान पूज्य स्वामी डॉ. परमार्थ देव जी के साथ बापू पाडलकर, राज्य प्रभारी, भारत स्वाभिमान, उदय वाणी, राज्य प्रभारी किसान सेवा समिति, अतुल कटारे, राज्य प्रभारी, युवा भारत, अविनाश आचार्य। राज्य प्रभारी, पतंजलि सोशल मीडिया, परभणी जिला प्रभारी धोंडीराम शेप, पूनम खत्री, महिला जिला प्रभारी, बालासाहेब गजमल, पुरषोत्तम आंभोरे, मोहिनी दराडे, नीता बल्डोटा, मारुति साल्वे, ज्ञानोबा भरकसे आदि उपस्थित थे|

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