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आउट ऑफ पैवेलियन : दर्दे दिल, दर्दे जिगर…

अमिताभ श्रीवास्तव

फिलहाल, केएल राहुल लंदन में चोट के उपचार में व्यस्त हैं। लगातार फ्लॉप प्रदर्शन के बाद जब उनकी आलोचना में उनका मजाक बनाया जाता है तो दर्द होता है। किसी भी खिलाड़ी के लिए यह समय बड़ा नाजुक होता है। ऐसे में धैर्य ही साथ देता है। कुछ ऐसा ही दर्द है राहुल का। राहुल ने अपना दर्द बयां किया कि हममें से कोई भी बुरा प्रदर्शन नहीं करना चाहता। यह हमारा जीवन है। यह सब हम करते हैं। जैसा मैंने कहा कि मैं क्रिकेट के अलावा और कुछ नहीं जानता। मैं केवल इतना ही करता हूं। राहुल ने कहा, `कोई यह क्यों मानेगा कि मैं अपने खेल को लेकर गंभीर नहीं हूं या मैं पर्याप्त मेहनत नहीं कर रहा हूं और दुर्भाग्य से खेलों में कोई संबंध नहीं है। जैसा मैंने कहा कि आप कड़ी मेहनत कर सकते हैं, जैसे मैं कड़ी मेहनत करता हूं लेकिन परिणाम मेरे पक्ष में नहीं आया।’ केएल राहुल ने यह भी उल्लेख किया कि कोई भी एथलीट जान-बूझकर खराब प्रदर्शन नहीं करता है, क्योंकि हर कोई कड़ी मेहनत करता है। जो भी हो फिलहाल, वो टीम से बाहर हैं और फिट होने में अभी समय है।

क्यों नाची चीयरलीडर?
आईपीएल में चीयरलीडर्स का अपना ही एक अलग मुकाम है। कुछ के लिए तो आईपीएल में होना जरूरी हो जाता है, क्योंकि उनकी पैâन फॉलोइंग खूब रहती है। लोग देखना चाहते हैं। ऐसी ही एक चीयरलीडर की वापसी हुई तो मैच से ज्यादा लोग उसे चीयर्स करते दिखाई दिए। साथ ही बवाल भी हुआ कि वो क्यों नाची, जब उसे प्रैâक्चर था। प्रâेंचाइजी इस मामले में कटघरे में खड़े किए गए हैं। इंडियन प्रीमियर लीग में तीन साल बाद मैदान पर इस चीयरलीडर्स की वापसी हुई है। गुजरात टाइटंस और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच मैच के दौरान एक चीयरलीडर प्रैâक्चर्ड हाथ के साथ नाचती हुई नजर आई थी। इस चीयरलीडर की फोटो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। प्रतिक्रियाओं में कहा जा रहा है कि चीयरलीडर की ऐसी क्या मजबूरी थी कि हाथ में प्रैâक्चर होने के बाद भी वह परफॉर्म कर रही हैं, जबकि उसे आराम करना चाहिए था। एक मैच के लिए ऐसी लड़कियों को १२ से २५ हजार रुपए तक ही दिए जाते हैं। इसे लेकर भी कई तरह के सवाल उठ चुके हैं।

एकदम से क्या हो गया रहाणे?
एकदम से क्या हो गया? अभी तो फार्म में थे और इसी के चलते तो टीम इंडिया में वापसी हुई थी। यह वापसी होते ही क्या हो गया कि बल्ला शांत हो गया? यह सवाल उठने लगे हैं अजिंक्य रहाणे को लेकर। क्योंकि टीम इंडिया में चयन के बाद उनके बल्ले को जैसे जंग लग गई है। चयन के ठीक बाद राजस्थान के खिलाफ उनके बल्ले से १३ गेंद पर १५ रन निकले। मुंबई के खिलाफ १७ गेंद पर २१, दिल्ली वैâपिटल्स के खिलाफ २० गेंद पर २१ और केकेआर के खिलाफ ११ गेंद पर १६ रन बनाए। बल्लेबाजी के लिए पिच मुश्किल होने पर वह जूझने लगते हैं। इसके पहले मुंबई के बाद राजस्थान के खिलाफ उन्होंने ३१, आरसीबी के खिलाफ ३७, हैदराबाद के खिलाफ ९ और केकेआर के खिलाफ ७१ रनों की नाबाद पारी खेली थी। पांच मैचों के बाद उनके करीब २०० की स्ट्राइक रेट से २०९ रन थे। उन्हें टीम में शामिल करने की मांग उठने लगी थी और लिया भी गया। मगर अब, कहीं उनका चयन गलत साबित न हो जाए?

(लेखक सम सामयिक विषयों के टिप्पणीकर्ता हैं। ३ दशकों से पत्रकारिता में सक्रिय हैं व दूरदर्शन धारावाहिक तथा डाक्यूमेंट्री लेखन के साथ इनकी तमाम ऑडियो बुक्स भी रिलीज हो चुकी हैं।)

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