अमिताभ श्रीवास्तव
लॉस एंजिल्स की आग पूरी दुनिया में शोक का विषय बन चुकी है। इसमें सैकड़ों परिवार प्रभावित हुए हैं, विशेष जन जलकर मर गए हैं। इन सबके बीच मानवता भी राख हुई है क्योंकि इस अग्निकांड का कुछ लुटेरों ने जमकर फायदा उठाया है। पुलिस जंगल में आग लगने की घटनाओं के बीच होनेवाली लूटमारी की घटनाओं के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। दरअसल, शहर की भयावह आग लगने के दौरान अपराधियों ने सबसे संवेदनशील क्षेत्रों का फायदा उठाने की कोशिश की है। एलए के कई इलाके भयंकर आग से तबाह हो गए हैं, जिसमें २४ लोगों की मौत हो गई है और १,००,००० से अधिक लोगों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। अपराधियों ने वैâलिफोर्निया के सबसे बड़े शहर में आई त्रासदी का अविश्वसनीय ढंग से फायदा उठाया है तथा सुनसान घरों में चोरी की है। करीब दो दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक ऐसा लुटेरा भी शामिल है, जिसने अग्निशमनकर्मी की पोशाक पहन रखी थी, ताकि कोई पहचान न सके। इस अपराधी को शहर के अग्निशमन विभाग के पुराने संक्षिप्त नाम सीडीएफ, फायर बूट्स तथा जींस के साथ पीले रंग की फायर जैकेट पहने हुए पकड़ा गया। लोग ऐसी आपदा में भी इंसानियत को ताक पर रख देते हैं और घिनौने कार्य को अंजाम देते हैं तो लगता है कलियुग और किसको कहेंगे।
जासूसी की खुली फाइल
हाल ही में जारी एमआई-५ फाइलों के अनुसार महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को एक दशक तक उस रूसी जासूस के बारे में अंधेरे में रखा गया, जो उनके घर में घुसपैठ कर चुका था और उनका सबसे वरिष्ठ सलाहकार था। जी हां, १९६४ में दिवंगत रानी के चित्रों के सर्वेक्षक और प्रतिष्ठित कला इतिहासकार सर एंथनी ब्लंट ने अंतत: स्वीकार किया कि वह १९३० के दशक से सोवियत एजेंट थे। जब वे कैंब्रिज में एक युवा छात्र थे, तब उनकी भर्ती की गई थी और वे २०वीं सदी के सबसे कुख्यात जासूसी गिरोह, कैंब्रिज फाइव के सदस्य थे। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एक वरिष्ठ एमआई-५ अधिकारी के रूप में ब्लंट ने अपने केजीबी संचालकों को भारी मात्रा में गुप्त खुफिया जानकारी दी थी। एमआई-५ और सरकार ने उन्हें ब्रिटिश प्रतिष्ठान के केंद्र में अपना स्थान बनाए रखने की अनुमति दे दी, इस डर के बावजूद कि अगर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया और सच्चाई सार्वजनिक हो गई तो कोई बड़ा घोटाला हो सकता है। जब १९७० के दशक में रानी को अंतत: पूरी कहानी बताई गई तो उन्होंने इसे बहुत शांति से और बिना किसी आश्चर्य के साथ लिया। यह कहानी पश्चिमी लंदन के क्यू स्थित राष्ट्रीय अभिलेखागार को जारी की गई एमआई-५ की गोपनीय फाइलों से उजागर हुई है।
(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार व टिप्पणीकार हैं।)