मुख्यपृष्ठखेलआउट ऑफ पवेलियन ...सेक्स टेप में फंसा खिलाड़ी

आउट ऑफ पवेलियन …सेक्स टेप में फंसा खिलाड़ी

अमिताभ श्रीवास्तव

खेलों में ऐसी हरकतें भी होती हैं जो कलंकित करती हैं। दरअसल, फुटबॉल जैसे खेलों का ऐसा रोमांच है कि इसके खिलाड़ियों पर जम के पैसों की बरसात होती है और यदि वो थोड़ा भी सफल हो गया तो समझो ग्लैमर की दुनिया में पहुंच जाता है। तब संभावनाएं बन जाती हैं कि वो बहक जाए और ऐसे में अपराध होना भी संभव हो जाता है। अब देखिए न, एफए प्रीमियर लीग के एक फुटबॉल खिलाड़ी को बिना सहमति के सेक्स टेप बनाने के संदेह में मैदान से ही गिरफ्तार कर लिया गया। जब इस अंतरराष्ट्रीय स्टार को सुबह ११ बजे छह घंटे की पूछताछ के लिए ले जाते देखा तो टीम के साथी खिलाड़ी हैरान रह गए। पुलिस ने दो फोन जब्त किए हैं, जिसमें फुटेज और वीडियो रिकॉर्डिंग की जांच की जा रही है। बताया गया कि इक्का नामक इस खिलाड़ी को बाद में छोड़ दिया गया। वह अभ्यास के लिए मैदान पर लौट भी आया।
पुलिस ने यह कार्रवाई तब की जब एक महिला ने फुटबॉलर पर आरोप लगाया था कि उसने उसके मना करने के बावजूद उसके साथ संबंध का वीडियो चुपके से बनाया। दूसरी ओर आरोपी खिलाड़ी ने इस बात से इंकार किया है। हालांकि, पुलिस ने एक २० वर्षीय व्यक्ति को ताक-झांक के संदेह में गिरफ्तार किया है और बताया कि अपर्याप्त साक्ष्य के कारण आगे कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।’ क्लब ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
जिंदगी का नरक
जीवन का यह दु:स्वप्न है, असहनीय नाइटमेयर है, यानी एक ऐसा बुरा अनुभव जो जिंदगी भर सालता रहता है। सेक्स गैंग के कब्जे में आना जिंदगी का नरक है। इससे बचकर निकली एक लड़की आज इसके खिलाफ जांच की मांग कर रही है। सेक्स गैंग यानी मानव तस्करी के खिलाफ जंग लड़ रही है। एमिली वॉन नामक एक लड़की बलात्कार गिरोहों की शिकार थी और उसे अनगिनत अपराधियों के हाथों अकल्पनीय दुर्व्यवहार सहना पड़ा।
उसने बताया कि १४ से २० वर्ष की आयु के बीच १,५०० से अधिक पुरुषों, जिनमें से अधिकांश पाकिस्तानी मूल के थे, ने उसके साथ दुर्व्यवहार, बलात्कार और अत्याचार किया। अफसोस यह है कि उनमें से किसी को भी इस घृणित कार्य के लिए कभी गिरफ्तार नहीं किया गया या सजा नहीं दी गई। आज एमिली उन गिरोहों की राष्ट्रीय जांच की मांग कर रही हैं, जो ब्रिटेन के लगभग हर बड़े शहर और कस्बे में सक्रिय हैं। एमिली बताती हैं कि उन्हें वेल्स में उनके घर से श्रॉपशायर के टेलफोर्ड सहित विभिन्न स्थानों पर तस्करी कर लाया गया था।
एमिली से पूछताछ के बाद रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला गया कि दशकों तक इन अपराधों की अनदेखी की गई तथा अनुमान लगाया गया कि १,००० से अधिक लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार किया गया। अफसोसजनक तथ्य यह है कि एमिली जो अब ३५ वर्ष की हैं, का मानना ​​है कि जब उन्होंने शोधकर्ताओं से बात की तो उन्होंने न तो उनकी बात सुनी और न ही उनके साक्ष्य को गंभीरता से लिया। अब वो खुलकर मानव तस्करी के खिलाफ मोर्चे पर हैं और लोगों को जागरूक कर रही हैं तथा मांग कर रही हैं कि ऐसे तस्करों के खिलाफ जांच हो, यह बाजार बंद करने का प्रयास हो।
(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार व टिप्पणीकार हैं।)

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