अमिताभ श्रीवास्तव
फाइनल मैच में जब खिलाड़ियों के हाथों में काली पट्टी बंधी दिखी तो सबके मन में ख्याल आया कि ऐसा क्यों किया गया। दरअसल, टॉस के बाद जब दोनों टीमों के खिलाड़ी मैदान में आए तो उन्होंने बाजू पर काली पट्टी बांधी हुई थी और दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने २ मिनट का मौन रखा। ऐसे में सवाल था कि दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने काली पट्टी क्यों बांधी हुई है। हाल ही में हिंदुस्थान के ओडिशा राज्य में एक रेल हादसा हुआ था और इसी वजह से दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने काली पट्टी बांधी हुई है। ओडिशा के बालासोर में २ जून को तीन ट्रेनें हादसे की शिकार हुई थीं और इस दुर्घटना में शुरुआती जानकारी के मुताबिक, २७५ लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी और हजारों की संख्या में लोग घायल हुए थे। इसी वजह से डब्लयूटीसी फाइनल में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मुकाबले में दोनों टीमों के खिलाड़ी अपने हाथों में काली पट्टी बांधे हुए नजर आए।
टीम इंडिया की सबसे बड़ी गलती
जब भी कोई खेल या युद्ध में जीतता वही है जो दो प्रमुख बातों का ध्यान रखता है। पहली स्वयं की ताकत और दूसरी विरोधी की कमजोरी। वर्ल्ड कप चैंपियनशिप के फाइनल में टीम इंडिया के कोच राहुल द्रविड और कप्तान का हास्यास्पद निर्णय देखिए। हिंदुस्थान की सबसे बड़ी ताकत स्पिन गेंदबाजी है और अश्विन के रूप में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज भी है लेकिन उन्होंने अपनी ताकत पर भरोसा नहीं किया। दूसरे आस्ट्रेलिया के पास बाएं हाथ के तीन-चार धाकड़ बल्लेबाज हैं, जो ऑफ स्पिनर के खिलाफ कमजोर होते हैं, तो उन्होंने इस बात पर भी ध्यान नहीं दिया। नतीजा यह हुआ है कि अश्विन बाहर हैं और टीम इंडिया पहले दिन ही मैच से बाहर हो गई लगती है। यदि कोई अनहोनी नहीं हुई तो हिंदुस्थान का चार दिन में हार जाना तय समझिए और यह भी देखिएगा कि आस्ट्रेलिया की ओर से ऑफ स्पिनर नाथन लियोन सबसे ज्यादा विकेट लेंगे। फिर ये कोच साहब और कप्तान कहेंगे कि पिच ने हमारे आकलन के अनुसार व्यवहार नहीं किया। जबकि सच यह है कि इन्होंने ही खेल की बुनियादी रणनीति पर काम नहीं किया। न जाने क्यों कई बार ऐसा होता रहा है कि हम दूसरों के झांसे में आ जाते हैं और अपनी योग्यता पर विश्वास नहीं करते। टीम इंडिया ़के इस धुरंधर खिलाड़ियों को बड़ी सूझबूझ के साथ खेलना चाहिए। अश्विन को बाहर रखने का खामियाजा फिर आईसीसी ट्रॉफी से हाथ धोकर भोगना पड़ेगा।
क्या रहाणे दोषी हैं?
पहला दिन जहां टीम इंडिया पर दबाव बनाकर कंगारुओं ने खत्म किया , वहीं अजिंक्य रहाणे की फील्डिंग के दौरान एक हरकत ने सवाल पैदा किया कि क्या रहाणे ने गलती की? दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मैच में अजिंक्य रहाणे ने मैदान पर फील्डिंग के दौरान कुछ ऐसा किया, जिससे उन पर आईसीसी का एक बड़ा नियम तोड़ने का आरोप लगा है। सोशल मीडिया पर अजिंक्य रहाणे का एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा, जिसमें वह अपने दोनों हाथों पर थूकते हुए दिख रहे हैं। पैंâस का कहना है कि अजिंक्य रहाणे अपने हाथ पर थूकने के बाद फिल्डिंग के दौरान अगर गेंद उठा रहे हैं तो फिर गेंद पर साइन आएगी और तब आईसीसी के नियमों का उल्लंघन होगा। आईसीसी ने नियम बनाया था कि गेंद पर थूक लगाकर चमकाने पर पूरी तरह से बैन है और कोई खिलाड़ी मैच के दौरान ऐसा करते हुए पकड़ा जाता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस नियम के मुताबिक, अजिंक्य रहाणे दोषी नहीं है, लेकिन जिन्हें नियम की जानकारी नहीं है वे लोग अजिंक्य रहाणे की आलोचना कर रहे हैं।