अमिताभ श्रीवास्तव
जीते तो धोनी के कारण
भले ही मोईन खान को मैन ऑफ द मैच से नवाजा गया मगर असली जीत तो महेंद्र सिंह धोनी के कारण मिली अन्यथा चेन्नई को अपना दूसरा मैच भी हार जाना था। जिन रनो से चेन्नई जीती है वो केवल धोनी के वो दो छक्कों की बदौलत निकले जो उन्होंने मारे। इस मैच में महेंद्र सिंह धोनी ने लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ तूफानी बैटिंग करते हुए ३ गेंदों पर १२ अहम रन बनाए थे। चेन्नई सुपर किंग्स ने लखनऊ सुपर जायंट्स की टीम को १२ रनों के अंतर से हराया था। अंत के ओवरों में महेंद्र सिंह धोनी की वह १२ रनों की अनमोल पारी ही चेन्नई सुपर किंग्स की जीत की असली वजह साबित हुई। अब सोचिए यदि अंत के ओवरों में अगर महेंद्र सिंह धोनी ३ गेंदों पर १२ अहम रन नहीं बनाते तो चेन्नई सुपर किंग्स ये मैच हार भी सकती थी। चेन्नई ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सात विकेट पर २१७ रन बनाए। जवाब में लखनऊ की टीम २० ओवर में सात विकेट पर २०५ रन ही बना सकी।
खतरे में राहुल का नेतृत्व
अब ये कोई कांग्रेस के राहुल की बात नहीं हो रही, बल्कि टीम इंडिया के राहुल की बात हो रही है और इस राहुल की कुर्सी खतरे में है। यहां तक कि बीच आईएपील में ही कप्तानी से हटाया भी जा सकता है। दरअसल, फिसड्डी साबित हो रहे लखनऊ सुपर जायंट्स के कप्तान केएल राहुल को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। इंटरनेशनल क्रिकेट के बाद अब आईपीएल २०२३ में भी केएल राहुल का बल्ला खामोश है। केएल राहुल ने आईपीएल २०२३ में अभी तक खेले गए अपने दो मैचों में ८, २० रन के स्कोर बनाए हैं। केएल राहुल की लचर बल्लेबाजी लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। केएल राहुल को इस साल फरवरी में ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर गावस्कर टेस्ट सीरीज के बीच में उपकप्तानी के पद से हटा दिया गया और फिर टीम इंडिया से भी ड्रॉप कर दिया गया था। हाल ही में बोर्ड ने सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में भी केएल राहुल को ए ग्रेड से बी ग्रेड में डिमोट कर दिया था। आईएपील में लखनऊ सुपर जायंट्स से १७ करोड़ रुपए की मोटी रकम मिलती है और वह कप्तान भी हैं।
साढ़े चार फुट का पहलवान
बात जब डब्ल्यू डब्ल्यू एफ जैसी कुश्तियों की हो तो पहलवानों की कल्पना भी मोटे तगड़े, ६ फिट से ज्यादा के पहाड़ जैसे की होती है और हो भी क्यों नहीं? यहां रेसलर को ऐसी कद काठी की जरूरत भी होती है। मगर इस रेसलिंग में एक ऐसा पहलवान आया है जो बौना है और विश्व में खूब धूम मचा रहा है। २९ मई १९८६ को जन्मे पेशेवर अमेरिकी पहलवान और एक्टर होर्न्स्वोगल का असली नाम डायलन मार्क पोस्टल है। साढ़े चार फीट से भी कम कद के होर्न्स्वोगल रेसलिंग रिंग में अचानक नीचे से घुसकर आने और विरोधी रेसलर पर हमला करने के लिए जाने जाते थे। इस तरह से होर्न्स्वोगल सालों साल डब्ल्यूडब्ल्यूई रेसलिंग में फैन्स का मनोरंजन करते रहे हैं। होर्न्स्वोगल ने २००४ में अपना रेसलिंग करियर शुरू किया था। वह पहली बार एफवीडब्ल्यूए में नजर आए थे। होर्न्स्वोगल ने २००६ में डब्ल्यूडब्ल्यूई में एंट्री ली थी। होर्न्स्वोगल अक्सर डब्ल्यूडब्ल्यूई रिंग में हरे सूट में एंट्री लेते थे। उनकी पहचान एक बिगड़ैल रेसलर के रूप में है। वह किसी भी फाइट के बीच में अचानकर रिंग के नीचे से घुस जाते थे।
संन्यास की दहलीज पर ईशांत
कभी अपनी गेंदो से बल्लेबाजों के हाथ-पैर फुला देने वाले गेंदबाज आज संन्यास की दहलीज पर जा पहुंचा है, जबकि अभी उम्र भी है और क्रिकेट भी उसमे खूब बचा है। मगर ये खिलाड़ी संन्यास लेने के लिए मजबूर है। जी हां, तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा की टीम इंडिया में वापसी लगभग नामुमकिन नजर आ रही है। ईशांत शर्मा को अब टीम मैनेजमेंट भूल चुकी है। आईएपील में दिल्ली ने ईशांत शर्मा को मौका ही नहीं दिया था, जिससे ये साफ हो गया कि अब ये तेज गेंदबाज पूरे आईएपील सीजन में बैठना ही पड़ेगा। दिल्ली कैपिटल्स टीम मैनेजमेंट को ईशांत शर्मा पर बिल्कुल भी भरोसा नजर नहीं आ रहा है। ईशांत शर्मा ने अपना आखिरी आईएपील मैच मई २०२१ में खेला था। ईशांत शर्मा ने टीम इंडिया के लिए अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच नवंबर २०२१ में खेला था। टीम इंडिया की पसंद अब मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज जैसे तेज गेंदबाजों की तिकड़ी बन चुकी है। चौथे तेज गेंदबाज के तौर पर उमेश यादव और शार्दुल ठाकुर सेलेक्टर्स के पसंदीदा बन चुके हैं। इसलिए अब ईशांत शर्मा को टीम इंडिया में फिर से मौका मिलना मुमकिन नजर नहीं आता।
(लेखक सम सामयिक विषयों के टिप्पणीकर्ता हैं। ३ दशकों से पत्रकारिता में सक्रिय हैं व दूरदर्शन धारावाहिक तथा डाक्यूमेंट्री लेखन के साथ इनकी तमाम ऑडियो बुक्स भी रिलीज हो चुकी हैं।)