अमिताभ श्रीवास्तव
चोट से बचे गोल्ड पाया
ओिंलपिक के बाद पहली बार भाला फेंक के सुपर स्टार हिंदुस्थानी नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक जीता। वो भी ऐसे ट्रेक पर जहां फिसलन थी और चोट की पूरी संभावना थी। मगर बचे और अपने भाले को स्वर्ण से दमका दिया। एथलीट नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलिंपिक के बाद पहला गोल्ड मेडल जीत लिया है। फिनलैंड के कुओर्ताने गेम्स में जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने मुश्किल परिस्थिति में मेडल जीता। बारिश की वजह से फील्ड पर काफी पानी था, जिसकी वजह से नीरज एक बार फिसल भी गए। लेकिन ८६.८९ मीटर के थ्रो के साथ उन्होंने गोल्ड मेडल अपने नाम किया। फील्ड पर काफी पानी था और इसी वजह से नीरज चोपड़ा तीसरी कोशिश में गिर गए। थ्रो करने के बाद उनका पांव फिसल गया और वह लाइन से बाहर निकल गए। जिसकी वजह से उस थ्रो की गिनती भी नहीं हुई। हालांकि इससे वे चोटिल नहीं हुए। अगले महीने कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन होना है और नीरज उसमें मेडल के पक्के दावेदार माने जा रहे हैं।
खूब जान है पैरों में
उसकी उम्र जरूर बढ़ रही है। खेल दुनिया के लिहाज से ३५ साल की खिलाड़ी बूढ़ी माने जाने लगती है और फिर यदि खेल १०० मीटर की दौड़ का हो तो ऐसी खिलाड़ी से उम्मीदें कम हो जाती है। मगर वो अद्भुत है। उसके पैरों में खूब जान है। जी हां, पांच साल के बच्चे की मां और तीन बार की ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट शैली एन फ्रेजर प्राइज ने १०० मीटर की दौड़ में १०.६७ सेकेंड का समय निकाला है। उन्होंने साल का सर्वश्रेष्ठ समय निकाला है। स्टेड कार्लेटी में फ्रेजर प्राइस ने पिछले महीने कीनिया में किप कीनो क्लासिक में निकाले गए अपने ही समय की बराबरी की। इतना ही नहीं, जमैकन स्टार प्राइज ने दो बार की ओलिंपिक चैंपियन एलेन थॉम्पसन हेरा के मीट रिकॉर्ड (७२ सेकंड) को भी पीछे छोड़ा। जो हेरा ने पिछले साल बनाया। ३५ साल की फेजर अब अगले महीने वर्ल्ड चैंपियनशिप के दसवें गोल्ड मेडल की तलाश में ओरेजन जाएंगी। जहां वर्ल्ड चैंपियनशिप का आयोजन होगा। अगली डायमंड लीग स्वीडन के स्टॉकहोम में ३० जून को होगी।
मस्ती के पर कुतरेगा कतर
फुटबॉल के दीवानों की मस्ती विश्वभर में छाई हुई रहती है। फिर विश्वकप जैसा आयोजन हो तो ये मस्ती सातवें आसमान पर होती है मगर अबकी बार ऐसा कुछ नहीं होगा क्योंकि विश्वकप कतर में है जहां के नियम कानून कायदों में फंसे होंगे दर्शक। इस साल नवंबर में फुटबॉल वर्ल्ड कप खेला जाना है, जिसकी मेजबानी कतर करेगा। खाड़ी देश में फीफा वर्ल्ड कप को लेकर कई तरीके की बंदिशें लगाई जा रही हैं। फुटबॉल के फैंस ‘मस्तीखोर’ माने जाते हैं, जो दुनिया के किसी भी कोने में महंगी से महंगी टिकट खरीदकर खेल और जिंदगी एन्जॉय करने पहुंच जाते हैं। ऐसे में उनकी मस्ती में कतर सरकार खलल डाल रही है। न तो यहां शराब मिलेगा और न ही सेक्स। फुटबॉल फैंस को खुली चेतावनी दे दी गई है कि इस साल के विश्व कप में वन-नाइट स्टैंड आपको सात साल तक सलाखों के पीछे रख सकता है। यदि आप पति-पत्नी के रूप में नहीं आ रहे हैं, तब तक सेक्स आपके लिए दूर की कौड़ी साबित हो सकता है। इस टूर्नामेंट में निश्चित रूप से कोई वन-नाइट स्टैंड नहीं होगा। कोई पार्टी नहीं होगी। इस साल के विश्वकप में पहली बार अनिवार्य रूप से सेक्स प्रतिबंध है।
२३ साल बाद रणजी फाइनल में
ये मौका सुनहरा है। रणजी ट्राफी के इतिहास में मध्य प्रदेश के खाते में फाइनल २३ साल पहले एक बार आया था। उसके बाद वो तरसती रही। मगर अब बंगाल को हराकर फाइनल में पहुंची है। मध्य प्रदेश ने रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल वन में बंगाल को १७४ रन से हराकर रणजी ट्रॉफी के फाइनल में जगह बना ली है। आखिरी बार मध्य प्रदेश १९९९ में रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंची थी। फाइनल में उसका मुकाबला मुंबई से होगा। दूसरे सेमीफाइनल में मुंबई ने यूपी को पहली पारी में बढ़त के आधार पर हराया। बंगाल के खिलाफ मध्य प्रदेश ने पहली पारी में ३४१ रन बनाए थे जिसके जवाब में बंगाल की टीम २७३ रन ही बना सकी। पहली पारी के आधार पर मध्य प्रदेश को ६८ रन की बढ़त हासिल हुई। इसके बाद दूसरी पारी में मध्य प्रदेश ने २८१ रन का स्कोर खड़ा किया। बंगाल के सामने जीत के लिए ३५० रन का टारगेट था, लेकिन दूसरी पारी में बंगाल की टीम केवल १७५ रन ही बना सकी। मध्य प्रदेश की तरफ से पहली पारी में १६५ रन जड़ने वाले सलामी बल्लेबाज हिमांशु मंत्री को मैन ऑफ द मैच चुना गया। वहीं, कुमार कार्तिकेय ने दूसरी पारी में ५ विकेट झटके।