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नागपुर में बारिश से हाहाकार! …नदी में तब्दील हुआ नागपुर स्टेशन, बाढ़ में फंसकर दो महिलाओं की मौत

सामना संवाददाता / मुंबई
नागपुर में कल हुई भीषण बारिश के कारण हाहाकार मच गया। नागपुर में हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा था। यहां तक की नागपुर रेलवे स्टेशन भी नदी में तब्दील हो गया। पूरा स्टेशन पानी में डूबा हुआ था। इसका असर रेल सेवा पर पड़ा। सक्करदरा गार्डन, मोरभवन बस स्टैंड में भी बाढ़ का पानी घुस गया। शहर की सड़कों पर भी घुटनों तक पानी भर गया। पूरा शहर जलमग्न हो गया।
आप मुंबई में कैसे…
पत्रकारों के सवाल से फडणवीस की बढ़ी दिक्कत
नागपुर बाढ़ में डूब गया है, जबकि नागपुरवासी उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मुंबई में ही रुक गए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के स्वागत में वे मशगूल थे। वे मुंबई से ही नागपुर की जानकारी ले रहे थे। इस पर विरोधियों ने तीव्र नाराजगी जाहिर की। पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि नागपुर में बाढ़ आई है तो आप मुंबई में वैâसे हैं, इस तरह का सवाल विपक्ष उनसे पूछ रहा है, तो गुस्से में कटाक्ष करते हुए जवाब दिए बिना ही फडणवीस चले गए।
उफान पर नाग नदी
नाग नदी में उफान आने से नागपुर में जल प्रकोप आ गया। ऐसे में नाग नदी परियोजना पर भी सवाल ख़ड़ा हो गया है। प्रदूषण मुक्ति और अतिक्रमण के जाल को हटाकर नाग नदी को पुनर्जीवित करने के लिए साल २०२१ में परियोजना को मंजूरी दी गई थी। भाजपा शासित नागपुर मनपा ने इस परियोजना पर २,११७ करोड़ रुपए खर्च किए। नागपुर के लोग अब पूछ रहे हैं कि आखिर यह पैसा कहां गया?
-घर में बारिश के बाढ़ का पानी घुसने से दो बुजुर्ग महिलाएं महेश नगर क्षेत्र की मीराबाई पिल्ले (७०) और तेलंगखड़ी क्षेत्र के सुरेंद्रगड़ की संध्या डोरे (८०) की मौत हो गई।
-हजारी पहाड़ के पशु शेड में बाढ़ का पानी घुसने से १५ जानवरों की मौत हो गई। बाढ़ में कई गाड़ियां बह गर्इं। कई दुकानों में पानी घुसने से करोड़ों रुपयों का नुकसान हुआ है।
वास्तव में क्या हुआ?
नागपुर शहर में रात करीब १.३० बजे तेज बारिश शुरू हुई। अगले चार घंटे तक यानी साढ़े पांच बजे तक बारिश होती रही। इन चार घंटों में १११ मिमी बारिश दर्ज की गई। इस बारिश से नागपुर शहर पानी में डूब गया। अंबाझरी जलाशय ओवरफ्लो हो गया और नाग नदी में बाढ़ आ गई, जिससे शहर में हाहाकार मच गया। नागनदी के किनारे बसे घरों में पानी घुस गया। अंबाझरी और वर्मा लेआउट के साथ-साथ शंकरनगर इलाके में भी स्थित बस्तियों में भी बाढ़ का पानी घुस गया। इससे नागपुर वासियों की नींद उड़ गई और उन्होंने पूरी रात जागकर बिताई।
मौके पर पहुंची सेना
नागरिकों की मदद के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ पहले एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और फिर सेना को मदद के लिए बुलाया गया। बाढ़ राहत कार्यों के लिए अंबाझरी इलाके में सेना की दो टुकड़ियां तैनात की गर्इं। जवानों ने लगभग ४० लोगों को सुरक्षित बचाया और उन्हें चिकित्सा सहायता प्रदान की।
४०० लोगों को सुरक्षित निकाला
शंकरनगर इलाके में मूक-बधिर बच्चों के स्कूल और एलईडी कॉलेज में विद्यार्थी फंस गए थे। इन सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया। शहर के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ में फंसे करीब ४०० नागरिकों को सुरक्षित निकालकर प्रशासन द्वारा बनाए गए आश्रय केंद्रों में भेजा गया। नागपुर समेत जिले के स्कूलों और कॉलेजों में कल छुट्टी घोषित कर दी गई थी।

इस स्थिति के लिए सरकार जिम्मेदार : वडेट्टीवार
इतनी बारिश होने तक प्रशासन क्या सोता रहा? उन्हें क्या इस बात की जानकारी नहीं थी? राज्य के विपक्षी नेता विजय वड्डेटीवार ने आरोप लगाया कि सरकार की निष्क्रियता के कारण नागपुर में यह स्थिति बनी है। उन्होंने मांग की कि बाढ़ में जिनके घर बह गए हैं, उन्हें सरकार तुरंत २५,००० रुपए की सहायता राशि प्रदान करे।

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