योगेंद्र सिंह ठाकुर / पालघर
जिले का कामकाज अंधेर नगरी चौपट राजा की तर्ज पर संचालित हो रहा है। जिससे आज बोईसर और आस-पास के इलाकों में रहनेवाले लाखों लोग भीषण दुर्गंध के कारण बढ़ते प्रदूषण में जीने को मजबूर हैं।
बोईसर-तारापुर एमआईडीसी में स्थित कई प्रदूषणकारी फैक्ट्रियों की वजह से पहले ही यहां लोगों का जीना मुश्किल था। अब बोईसर के करीब खैरापाड़ा ग्रामपंचायत में मुख्य मार्ग पर कचराघर की समस्या दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है। कचरे के ढेर में रोजाना आग लगाई जाती है, जिससे पूरा इलाका धुएं से आच्छादित हो जाता है। लोगों का आरोप है, कि यहां के अधिकारी लोगों की समस्या सुनने के बजाय उस पर पर्दा डालने में उस्ताद हैं। प्रदूषण और धुएं से आसपास के क्षेत्र में रहनेवाले लोगों के साथ-साथ पालघर-बोईसर सड़क, बोईसर-एमआईडीसी मार्ग, चिल्हार-बोईसर राजमार्ग पर चलनेवाले लाखों लोगों का दम जहरीले धुएं से घुट रहा है। उन्हें रोजाना तकलीफ उठानी पड़ रही है, जिससे उन्हें सांस संबंधी बीमारियों की समस्या से दो चार होना पड़ सकता है।
बदबू ने बढ़ाई मुसीबत
• कचरे का पहाड़ जैसा खड़ा हो गया है। बगल के मार्ग से रोजाना आना-जाना पड़ता है। धुएं के गुब्बार और बदबू से आंखो में जलन और सांस लेने में काफी दिक्कत होती है। कचरे को जल्द से जल्द यहां से हटाया जाना चाहिए।
-एपी सिंह, ग्रामीण
• होटल और दुकानों से निकलने वाले कचरे को लोग चोरी छिपे डालकर भाग जाते थे और कचरे के ढेर में भी आग लगा दी जाती थी। इसे रोकने के लिए पतरे के शेड से कचरे के ढेर वाली जगह को बंद कर दिया गया है। ताकि खैरापाड़ा ग्रामपंचायत के कर्मचारी ही इसे खोलकर यहां कचरा डाल सके।
–विजय कुमार लोकरे, ग्राम विकास अधिकारी खैरापाड़ा
• डंपिंग ग्राउंड नहीं है इसलिए यहां कचरा डाला जा रहा है। डंपिंग ग्राउंड के लिए शासन से जमीन की मांग की गई है।
-नरेंद्र रेवंडकर, बीडीओ पालघर