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सदमे में पाकिस्तान! सऊदी अरब ने दिया ‘झटका’, डीप कन्वर्जन रिफाइनरी स्थापित करने से खींचा हाथ

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
सऊदी अरब ने पाकिस्तान को एक बड़ा झटका दिया है। उसने अत्याधुनिक और डीप कन्वर्जन रिफाइनरी स्थापित करने से अपना हाथ खींच लिया है। १० अरब डॉलर की लागत से बनने वाली इस रिफाइनरी की स्थापना के लिए पाकिस्तान ने सऊदी अरब पर जमकर डोरे डाले थे। इसके बाद सऊदी अरब की वंâपनी सऊदी अरामको ने पाकिस्तान में रिफाइनरी की स्थापना पर हामी भी भर दी थी। अब द न्यूज ने पाकिस्तानी अधिकारियों के हवाले से बताया है कि सऊदी अरामको वंâपनी इस परियोजना में निवेश करने में दिलचस्पी नहीं रखती है। रिपोर्ट के अनुसार, अगर यह डीप कन्वर्जन रिफाइनरी बनकर तैयार होती तो इससे प्रति दिन ३,००,००० बैरल कच्चे तेल को रिफाइन किया जा सकता था।
परियोजना में निवेश के लिए सऊदी अरामको को नहीं राजी कर पाना पाकिस्तान के लिए एक चिंता का विषय बन गया है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि पाकिस्तान सरकार ने एक नई हरित रिफाइनरी नीति अधिसूचित की है, जिसमें सऊदी सरकार की इच्छा के अनुसार २५ वर्षों के लिए ७.५ फीसदी डीम्ड ड्यूटी और २० वर्षों के टैक्स छूट के भारी प्रोत्साहन शामिल हैं। इस डेवलपमेंट से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि अब सऊदी अरामको के शीर्ष पदाधिकारियों ने, पाकिस्तान के अधिकारियों के साथ हालिया बातचीत में संकेत दिया है कि अरामको ने खुद को सऊदी सरकार से अलग कर लिया है और काफी हद तक विनियमन हासिल कर लिया है। यही कारण है कि इसका प्रबंधन अब दुनिया भर में रिफाइनरी व्यवसाय में निवेश करने का इच्छुक नहीं है। इसमें कहा गया है कि रिफाइनरी व्यवसाय अब पहले जैसा आकर्षक नहीं रह गया है।
पाकिस्तान-सऊदी में हुई थी डील
अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान को अरामको ने संकेत दिया था कि वह रिफाइनरी में अपनी इक्विटी को परियोजना की कुल इक्विटी में से ९०० मिलियन डॉलर तक कम कर सकता है। ९०० मिलियन डॉलर का निवेश परियोजना में कुल ३ बिलियन डॉलर इक्विटी के ३०फीसदी के बराबर है। इससे पहले कुल इक्विटी ३ बिलियन डॉलर पर काम किया गया था और शुरुआत में सऊदी अरब ने १.५ बिलियन डॉलर का निवेश करने की इच्छा जताई थी। १.५ बिलियन डॉलर की शेष इक्विटी की व्यवस्था पाकिस्तान से की जानी थी। पहले की समझ के अनुसार, सऊदी अरामको को इस परियोजना का नेतृत्व करना था और परियोजना के लिए ७ बिलियन डॉलर के ऋण की व्यवस्था करने में अपने प्रभाव का उपयोग करना था।

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