सनातन आस्था के महापर्व महाकुंभ में दुनिया के कोने-कोने से श्रद्धालु पवित्र संगम में आस्था का स्नान करने प्रयागराज आ रहे हैं। महाकुंभ में अब तक लगभग ४० करोड़ श्रद्धालु संगम स्नान कर चुके हैं। सनातन आस्था का जुड़ाव इतना गहरा है कि महाकुंभ में पवित्र संगम में स्नान करने पाकिस्तान के सनातन मतावलंबी भी प्रयागराज पहुंचे। पाकिस्तान के सिंध प्रांत से ६८ हिंदू श्रद्धालुओं का जत्था प्रयागराज पहुंचा। पाकिस्तान के श्रद्धालु अपने पूर्वजों की अस्थियों का विसर्जन करने विशेष वीजा लेकर प्रयागराज आए। श्रद्धालुओं के साथ आए महंत रामनाथ जी ने बताया कि पहले सभी हरिद्वार गए थे। वहां अपने लगभग ४८० पूर्वजों की अस्थियों का विसर्जन और पूजन किया। इसके बाद प्रयागराज आकर महाकुंभ में संगम स्नान किया और अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति की प्रार्थना की।
सभी श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में स्नान कर अपने पूर्वजों की अस्थियों का संगम में विसर्जन किया। महाकुंभ की व्यवस्था और सनातन आस्था के दिव्य-भव्य आयोजन को देखकर सभी पाकिस्तानी श्रद्धालु अभिभूत थे। महाकुंभ में पाकिस्तान से आए श्रद्धालुओं का कहना है कि उन्हें सनातन आस्था की डोर और महाकुंभ की पुकार खींच लाई है। उनका कहना है कि न केवल ये उनकी कई वर्षों से चाहत थी बल्कि उनके पूर्वजों की भी आस थी कि वो महाकुंभ में सम्मिलित हो पवित्र त्रिवेणी में स्नान कर सकें और यहां का जल अपने साथ ले जा सकें।
`पाकिस्तान में हमें मंदिर जाने को भी नहीं मिलता’
श्रद्धालुओं ने बताया कि पाकिस्तान में तो हमें मंदिर जाने को भी नहीं मिलता था, यहां आकर न केवल हम धन्य हुए हैं। बल्कि हमारे माता-पिता और पूर्वजों को भी मोक्ष मिल गया है। बचपन से उन्होंने प्रयागराज की पावन भूमि और संगम के बारे में सुना था, मां गंगा में स्नान कर उनका जीवन सफल हो गया है।