दीपक शर्मा / जम्मू
हाल ही में जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से घुसपैठ के प्रयासों में वृद्धि देखी गई है और दो महीनों में सेना के जवानों द्वारा 20 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया गया है, सुरक्षा विशेषज्ञ इसके पीछे कश्मीर घाटी में सफल जी20 बैठक से पाकिस्तान में उपजी हताशा को बड़ा कारण मान रहे हैं।
घाटी में मई में जी20 कार्यक्रम के आसपास एलओसी पार से घुसपैठ में तेजी आई और यह जून और जुलाई में भी जारी रही। जम्मू-कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक कुलदीप खुड्डा ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान ने केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद को बढ़ाने के अपने प्रयासों को फिर से शुरू किया है, लेकिन सुरक्षा बलों और पुलिस ने इन प्रयासों का प्रभावी ढंग से मुकाबला किया है, जिसके परिणामस्वरूप उग्रवाद की घटनाओं में कमी आई है और जमीनी समर्थन में कमी आई है। उन्होंने आरोप लगाया, “पिछले 10 से 12 वर्षों में, जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद का स्तर कम हो गया है, जिससे सुरक्षा स्थिति में सुधार के कारण अधिकारियों को सुरक्षा ग्रिड को कमजोर करना पड़ा। उसी का फायदा उठाते हुए, उन्होंने (पाकिस्तानी आतंकी संगठन) पुंछ क्षेत्र में और अधिक आतंकवादियों को घुसपैठ कराने की कोशिश की है।”
खुड्डा ने कहा, “ऐसी कुछ घटनाएं हुई हैं, जिनमें सुरक्षा बलों को नुकसान हुआ है।”
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पिछले एक दशक से जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद के निम्न स्तर के बावजूद, सुरक्षा ग्रिड सतर्क है और घुसपैठ से निपटने के लिए लगातार मजबूत हो रहा है। पूर्व डीजीपी ने कहा, कुल मिलाकर, सुरक्षा बल क्षेत्र में शांति भंग करने के किसी भी प्रयास को रोकने के लिए दृढ़ हैं और वे सीमा पार से होने वाली किसी भी शरारत का मुकाबला करने के लिए हाई अलर्ट पर हैं।
कश्मीर घाटी में 22 से 24 मई तक हुए जी20 कार्यक्रमों के सफल समापन के बाद घुसपैठ के प्रयासों में तेजी आई।
इस कार्यक्रम में जी20 सदस्य देशों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और उद्योग हितधारकों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
सुरक्षा विशेषज्ञ कैप्टन अनिल गौड़ ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कश्मीर में जी20 सम्मेलन को बाधित करने में पाकिस्तान की असमर्थता के कारण क्षेत्र को अशांत करने के उद्देश्य से एलओसी पर घुसपैठ के प्रयासों में वृद्धि हुई हैं।
गौड़ ने कहा, “अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद, सुरक्षा बलों द्वारा आतंकवादी ढांचे को समाप्त कर दिया गया। इसने कश्मीर में शांति और सामान्य स्थिति का माहौल बहाल किया और भारत ने कश्मीर में जी20 बैठक आयोजित की जा सकी।” उन्होंने कहा, “जी20 की सफलता के कारण, पाकिस्तान बहुत निराश हो गया क्योंकि वे कभी नहीं चाहते थे कि जी20 सम्मेलन कश्मीर में आयोजित किया जाए। इसीलिए उन्होंने जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ का स्तर बढ़ा दिया।”
आंकड़ों के मुताबिक, जी20 कार्यक्रम के बाद से जम्मू-कश्मीर में एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर घुसपैठ की लगभग 14 से 15 कोशिशें हुई हैं।