जम्मू। जम्मू-कश्मीर में बढ़ते आतंकी हमलों के बीच पाकिस्तान के नापाक इरादों के भी खुलासे हो रहे हैं। राजौरी में सेना पर हुए आतंकी हमले के बाद जिले के कोटरंका क्षेत्र स्थित केसरी हिल्स में मारे गए आतंकी के पास से बरामद हथियारों व सामानों से खुलासा हुआ है कि अब पाकिस्तानी सेना, जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने के लिए उन्हें डिजिटल मैप के साथ ही एनक्रिप्टेड मैसेज एप और बॉडी कैमरा से लैस कर भेज रही है।
पाकिस्तान पोषित आतंकवादियों के जम्मू कश्मीर में भारतीय सैन्यबलों से सीधे मुकाबला करने में फेल होने के बाद अब पाकिस्तान दहशतगर्दी को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल टेरर प्लान के जरिए अपनी नापाक मंशाओं की पूर्ति करने में जुट गया है। वह हरहाल में घाटी में इसी महीने होने वाली जी-२० प्रतिनिधियों की बैठक से पूर्व जम्मू-कश्मीर में बड़ी आतंकी वारदातों को अंजाम देने पर आमादा है। खुफिया एजेंसियों के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान अब डिजिटल डिवाइस ट्रेंड आतंकियों की घुसपैठ करा रहा है।
सूत्रों का कहना हैं कि आतंकियों को एनक्रिप्टेड डिजिटल मैप के साथ जम्मू-कश्मीर में दाखिल कराने की साजिश रची गई है। पिछले कुछ महीनों में मारे गए आतंकियों के पास से एनक्रिप्टेड डिजिटल मैप बरामद हुए हैं। डिजिटल मैप में पहले से घुसपैठ के रास्ते फीड होते हैं जिनका इस्तेमाल आतंकी जम्मू-कश्मीर में दाखिल होने के लिए करते हैं।
साथ ही आतंकी अब सीमा पार से मिल रहे निर्देशों को पास करने के लिए भी एनक्रिप्टेड एप्लिकेशंस का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि भारतीय सुरक्षा व खुफिया एजेंसिया इन्हें इंटरसेप्ट न कर पाएं। सूत्र बताते हैं कि एजेंसियों को अब तक ऐसे १२ से ज्यादा वेब बेस्ड हाइली एनक्रिप्टेड मैसेजिंग एप की जानकारी मिली है जिनका इस्तेमाल सीमा पार बैठे आतंकियों के कमांडर्स जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकियों को निर्देशित करने के लिए कर रहे हैं।
बता दे कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहले भी ऐसे ऐप के खिलाफ एक्शन लिया था। गृह मंत्रालय इस तरह के १४ मैसेंजर ऐप ब्लॉक कर चुका है जिनका इस्तेमाल पाकिस्तान से आतंकियों को निर्देश देने के लिए किया जा रहा था। सूत्र बताते हैं कि आतंकियों से उनके आकाओं ने ये भी कहा है कि वे भारतीय सुरक्षाबलों पर हमले की वीडियो रिकॉर्डिंग कर सीधे उन्हें भेजें। इसके लिए आतंकियों को बॉडी कैम भी दिए गए हैं।
पाकिस्तान में बैठे आतंक के आका, पाकिस्तानी सेना व उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई जम्मू कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए पहले से ही नए-नए हथकंडे अपनाता रहा है। सूत्रों ने जानकारी दी है कि पाकिस्तान, जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती राजौरी और पुंछ के इलाकों में सबसे ज्यादा घुसपैठ कराने, आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में है। इसके पीछे की वजह है, नियंत्रण रेखा (एलओसी) से लगे यहां के घने जंगल।
राजौरी जिले के कोटरंका का केसरी हिल्स का इलाका भौगोलिक रूप से बेहद दुर्गम क्षेत्र हैं। इस इलाके में घने जंगल में कंटीली झाड़ियां और बड़े-बड़े पत्थरों की चट्टाने हैं जिनका इस्तेमाल आतंकी ढाल के रूप में करते हैं। इसके साथ ही इस इलाके में दर्जन भर से अधिक प्राकृतिक गुफाएं भी हैं जिनमें आतंकी घुसपैठ करने के बाद या किसी बड़ी घटना को अंजाम देकर छिप जाते हैं और ये गुफाएं ही इन दिनों सुरक्षाबलों के लिए टेढ़ी खीर बन गई हैं। क्योंकि आतंकी इन गुफाओं में शरण लेने से पूर्व इनके मुहाने व आस-पास के क्षेत्रो में आईईडी लगा देते हैं, जिससे अपना बचाव करना सुरक्षाबलों के लिए बेहद दुष्कर कार्य है। एक तो स्वयं भारतीय सेना द्वारा एलओसी पर लगार्इं माइंस ऊपर से आतंकियों द्वारा लगार्इं गई आईईडी हमेशा खतरा बनी रहती हैं।