मुख्यपृष्ठनए समाचारपंचनामा : विकास के नाम पर कब तक चलेगी कुल्हाड़ी! ... मेट्रो...

पंचनामा : विकास के नाम पर कब तक चलेगी कुल्हाड़ी! … मेट्रो कार्य के लिए काटा गया १०० साल पुराना पेड़

सांताक्रुज के निवासियों ने व्यक्त की नाराजगी
मुंबई में वैसे भी बढ़ते कांक्रीट के जंगल के बीच लोगों को ताजी हवा के लाले पड़ रहे हैं। सरकारी व गैरसरकारी संस्थाएं समयानुकूल वृक्षारोपण कार्यक्रम कर शांत बैठ जाती हैं, दिन-ब-दिन मुंबई की हवा खराब होते जा रही है। एक तो तेजी से बढ़ते कांक्रीट के जंगल, ऊपर से वाहनों की बढ़ती संख्या हवा को और खराब कर रही है। मुंबईकर ताजी हवा में कब सांस लेंगे, यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है। ऐसी स्थिति में शिंदे सरकार विकास के नाम पर पेड़ों पर कुल्डाड़ी चलाकर जख्म पर नमक रगड़ने का काम कर रही है। दरअसल, एसवी रोड, सांताक्रुज (पश्चिम) में १०० साल पुराना बाओबाब पेड़ शनिवार को मेट्रो २ बी के काम के लिए बलि दे दिया गया। मेट्रो २ बी का काम एमएमआरडीए द्वारा डीएन नगर से मांडले तक किया जा रहा है और यह लाइन एसवी रोड से होकर गुजरती है। इस १०० साल पुराने पेड़ के काटे जाने पर निवासियों ने कड़ा विरोध जताया है।
बता दें कि जिस तरह की गर्मी में तापमान बढ़ रहा है, वैसे ही जानवरों से लेकर पशु-पक्षी तक को पेड़ की छाव की आवश्यकता है। पेड़ों का होना मुंबई के लिए अनेक लाभ प्रदान करता है। पहले तो वे शहर की हवा को शुद्ध करने में मदद करते हैं, जो वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करता है। दूसरे, वे अन्य प्राणियों के लिए आवास के रूप में काम करते हैं, जिससे जंगली जीवन का संतुलन बना रहता है साथ ही नागरिकों को आनंद और स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
लेकिन शिंदे सरकार को लोगों के स्वास्थ और प्रकृति से ज्यादा चुनाव के लिए काम गिनवाना है। इस बड़े पेड़ को काटने से सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया और लोग प्रशासन से सवाल करने लग गए। हालांकि, बीएमसी अधिकारियों ने कहा कि पेड़ को काटने की अनुमति दी गई है और इसलिए इसे ट्रांसप्लांट नहीं किया जा रहा है। एक अधिकारी ने कहा, ‘उचित अनुमति मिलने के बाद शनिवार को मेट्रो २बी के लिए पेड़ काटा गया।’

ट्रांसप्लांट था बेहतर विकल्प
पेड़ काटने के बजाय उन्हें कहीं उचित जगह पर ट्रांसप्लांट करना चाहिए था। कुछ निवासियों ने कहा कि अधिकारियों को पेड़ को स्थानांतरित करने पर विचार करना चाहिए क्योंकि यह एक दुर्लभ प्रजाति है। बाओबाब उष्णकटिबंधीय अफ्रीका का पेड़ है। शहर में भायखला के प्रवेश द्वार पर भी ये पेड़ मौजूद हैं।

आदित्य ठाकरे ने एमएमआरडीए से इस पेड़ की की थी सुरक्षा
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे ने इस १०० साल पुराने दुर्लभ पेड़ के काटने पर शिंदे सरकार पर जोरदार हमला किया। उन्होंने जोर दिया कि एमएमआरडीए के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि महाविकास आघाड़ी सरकार में राज्य के पर्यावरण मंत्री होने के दौरान आदित्य ठाकरे ने एमएमआरडीए से इस बाओबाब पेड़ को बचाया था।

गर्मियों में समझ आता है पेड़ों का महत्व
कांक्रीट बन चुके इस शहर में पेड़ों का जिंदा रहना अपने आप में बहुत बड़ी बात है। बढ़ती गर्मी के साथ पेड़ों का महत्व व कीमत को समझना तथा महसूस करना और भी ज्यादा आवश्यक होता है। ऐसे में १०० साल पुराना पेड़ काटने का बहुत ही गैर जिम्मेदाराना कदम उठाया गया। एक इंसान पूरे जीवन में १२ पेड़ों का ऑक्सीजन लेता है।
– प्रथमेश झा, समाजसेवी

पेड़ों का नामोनिशान नहीं बचेगा
इस तरह खड़े पेड़ को जड़ से अलग कर देना एक पाप की तरह है। पेड़ों का ऐसे काटा जाना जारी रहा तो मुंबई की सड़कों पर वो दिन दूर नहीं, जब पेड़ों का नामोनिशान नहीं बचेगा।
– कन्हैया सिंह, सांताक्रुज

बिगड़ेगा प्राकृतिक संतुलन
१०० साल पुराना पेड़ कटना प्रकृति के लिए बहुत बड़ा नुकसान है। मुंबई के नागरिकों को एक जिम्मेदारी के रूप में पेड़ों की रक्षा और वृद्धि करने के लिए सक्रिय रूप से काम करने की जरूरत है। इससे न केवल शहर का वातावरण स्वच्छ और स्वस्थ रहेगा, बल्कि प्राकृतिक संतुलन को भी बनाए रखने में मदद मिलेगी।
-पंकज मोर, एन्वायरमेंट एक्सपर्ट

अन्य समाचार