मुख्यपृष्ठनए समाचारपंचनामा : मुंबई तेरी यही कहानी ... सड़कों पर ट्रैफिक घरों में...

पंचनामा : मुंबई तेरी यही कहानी … सड़कों पर ट्रैफिक घरों में पानी

 बारिश को लेकर मनपा का झूठा दावा
 नाला सफाई का काम अधूरा
 भूस्खलन और जर्जर इमारत के लटके मामले

रामदिनेश यादव

मुंबई सहित महाराष्ट्र में मानसून का आगमन हो चुका है। राज्य के कई हिस्सों में बारिश हो रही है। हालांकि, कई जगहों पर अभी बारिश नहीं हो रही है। दूसरी तरफ मुंबई, ठाणे और पालघर में मूसलाधार बारिश हो रही है। इस बारिश से शहरी क्षेत्र का जनजीवन काफी प्रभावित हुआ है। कल सुबह भारी बारिश के कारण कल्याण-डोंबिवली में सड़कों पर पानी भर गया। पिसवली गांव में दो सौ से ढाई सौ घरों में बारिश का पानी घुस गया। मौसम विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि आने वाले २४ घंटे बेहद अहम हैं, क्योंकि यहां अति मूसलाधार बरसात होने की संभावना है। मुंबई में हल्की सी ही बारिश में सड़कों पर ट्रैफिक जाम लग गया, निचले इलाकों में सड़कों और घरों में पानी भर गया। इससे न केवल आम मुंबईकर परेशान हुए हैं, बल्कि मनपा की भी लापरवाही सामने आ गई। यह कहना गलत नहीं होगा कि इस बार भी मानसून पूर्व तैयारी में मनपा पीछे रह गई। जहां एक तरफ निर्माणाधीन सड़कों का काम पूरा नहीं हुआ है, वहीं दूसरी तरफ तो नालों की सफाई के बहाने ठेकेदार मनपा के खजाने की सफाई कर रहे हैं। इतना ही नहीं पहाड़ों की ढलान और जर्जर इमारतों में रहनेवाले लोगों को भी मनपा अभी तक नहीं हटा पाई है। इससे जानमाल के नुकसान का भी खतरा मंडरा रहा है।
कब होगी नालों की सफाई?
एक आंकड़े के अनुसार, नाला सफाई के लिए मनपा २८४ करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है, लेकिन अभी तक नालों की सफाई पूरी तरह नहीं हो पाई है। सड़कों पर बने गड्ढों और निर्माणाधीन सड़क का कार्य भी पूरा नहीं हो पाया है। इस बार भी मानसून में मुंबई डूबने की कगार पर है, ऐसी आशंका लोग जता रहे हैं। मुंबई में ऐसे कई नाले हैं, जिन्हें पिछले ३ सालों से सफाईकर्मियों ने हाथ तक नहीं लगाया है। वडाला संगम नगर, कोलीवाड़ा, धारावी, कुर्ला सहित कई इलाकों से गंदे नालों की फोटो और वीडियो को लोग सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं। नालों की सफाई मनपा सिर्फ दिखावे के लिए कर रही है, ऐसा आरोप पूर्व नगरसेवकों की तरफ से लगाया जा रहे है। मुंबई मनपा क्षेत्र में २५४ किमी बड़े नाले हैं तो ४४४ किमी छोटे नाले हैं, पिछले साल मनपा ने इस काम के लिए कुल २५७ करोड़ रुपए खर्च किए थे।
गड्ढों की भी स्थिति जस की तस
सड़कों के गड्ढे पाटने का टारगेट अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। मनपा की तरफ से १० जून से पहले सभी गड्ढों को पाटने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अभी तक ६० प्रतिशत काम भी पूरा नहीं हो पाया है, ऐसा आरोप मनपा पर लगाए जा रहे हैं। मनपा अधिकारियों का कहना है कि सड़कों पर गड्ढों को भरने के लिए प्रत्येक वॉर्ड में तीन-तीन यानी कुल ७२ मैस्टिक कुकर लगाए गए हैं। इसके लिए कुल २७५ करोड़ रुपए खर्च होंगे, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि अभी तक मौजूदा गड्ढों को ही पाटने का काम पूरा नहीं हो पाया है। सड़कों पर डेब्रिज, कचरा, भंगार की गाड़ियां वैसे ही पड़ी हैं। आंकड़ों के अनुसार, २०२३ में मुंबई में ५९,५३३ गड्ढे, २०२२ में ३८,३१० गड्ढे तो २०२१ में ४३,४७८ गड्ढे दर्ज किए गए थे। सूत्रों की मानें तो इस साल मनपा अब तक ४० हजार से अधिक गड्ढे दर्ज कर चुकी है।
जर्जर इमारतें नहीं हुईं खाली
मुंबई सहित आस-पास के जिलों में जर्जर इमारतों के गिरने से होने वाली मौतों की खबर हर साल सामने आती है। इसके बावजूद सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंगती। आंकड़ों के अनुसार, मुंबई में खतरनाक इमारतों की संख्या लगभग ६ हजार है, जबकि अति खतरनाक इमारतों की सूची में १८८ इमारतों को शामिल किया गया है, जबकि मनपा के अनुसार, मुंबई के इन बेहद जर्जर इमारतों में लगभग २,३०० परिवार रहते हैं। मानसून में इन इमारतों में रहनेवाले परिवारों की जान को खतरा है।
पानी-पानी हुआ पालघर 
पालघर में हुई जोरदार बारिश के बाद सड़कें नदी में तब्दील हो गई हैं। जोरदार बारिश होने से कई इलाके पानी-पानी हो गए। तेज बारिश के चलते देहर्जे नदी पर बनाया गया पुल पानी में डूब गया। इसके बाद पालघर और मनोर वाड़ा के बीच का संपर्क टूट गया। वहीं, पश्चिम रेलवे के बोईसर-उमरोली स्टेशन के बीच रेलवे ट्रैक की अप और डाउन दोनों लाइनों पर जलभराव हो गया। इसका असर ट्रेनों पर पड़ा। जलभराव के कारण ट्रेनों की रफ्तार धीमी हो गर्इं, जिससे यहां ट्रेनें २५ से ३० मिनट की देरी से चलीं।

 

मनपा लगा रही चूना
नाला सफाई के नाम पर मनपा हर साल लोगों को चूना लगाने का काम करती है। ठेकेदार और मनपा अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। मानसून की अभी शरूआत है तो यह हाल है आने वाले समय में क्या होगा, कुछ कहा नहीं जा सकता है। काम में तेजी लाकर तत्काल नालों की सफाई होनी चाहिए, जिससे जनता को परेशानी न झेलनी पड़े।
अलका मिश्रा, मुंबई
टैक्स का पैसा खा रहे भ्रष्ट अधिकारी और ठेकेदार
ट्रैफिक जाम, सड़क पर गड्ढे और बारिश में होने वाली अनचाही परेशानी से आखिर कब मुक्ति मिलेगी। मनपा मुंबईकरों से किस लिए टैक्स लेती है? हमारे टैक्स का पैसा भ्रष्ट अधिकारी और ठेकेदार खा रहे हैं। उनके कार्यों का नतीजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है। लोगों के मन में गुस्सा है।
अशोक शर्मा, मुंबई
कब मिलेगी लोगों को सुविधाएं?
यह हर बार की परेशानी है। बारिश से मुंबई का हाल बेहाल हो जाता है। केवल तारीख और साल बदलते हैं, लेकिन मुंबई का हाल ऐसा ही रहता है। थो़ड़ी सी ही बारिश में मुंबई डूब जाती है। जगह-जगह हुए जलजमाव से ट्रैफिक जाम होने लगता है। सुबह-शाम काफी परेशानी होती है। मनपा के पास इतना पैसा है वह कब काम आएगा? कब आम लोगों को सुविधाएं मिलेंगी?
सुनील केवट, मुंबई

अन्य समाचार