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पंचनामा : शिंदे की सरकार युवा बेरोजगार!! …महाराष्ट्र की परियोजनाएं गुजरात जाने से रोजगार में आई कमी

पंकज तिवारी
महाराष्ट्र राज्य में जब से शिंदे-भाजपा-अजीत गुट की सरकार आई है तब से महाराष्ट्र राज्य सिर्फ और सिर्फ दिल्ली में बैठे नेताओं के इशारों पर चलता नजर आ रहा हैं। केंद्र में बैठे कुछ नेताओं के इशारों पर महाराष्ट्र राज्य में स्थापित की जानेवाली परियोजनाओं को गुजरात ले जाया गया। इन परियोजनाओं के महाराष्ट्र राज्य में स्थापित होने से यहां के युवाओं को रोजगार मिलता, साथ ही महाराष्ट्र में पैसा भी इन्वेस्ट होता और महाराष्ट्र का आर्थिक विकास भी होता। लेकिन केवल कुछ नेताओं ने महाराष्ट्र का विकास छीनकर परियोजनाओं को गुजरात में स्थापित कर युवाओं का रोजगार छीन लिया है।
सेमीकंडक्टर परियोजना
वेदांता और फॉक्सकॉन लिमिटेड की इस परियोजना को भारत के कॉरपोरेट इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा निवेश बताया जा रहा था। दोनों कंपनियां मिला कर परियोजना पर १ लाख ५४, हजार करोड़ रुपए का निवेश करने वाली थीं, इससे एक लाख नए रोजगार पैदा होने वाले थे। सेमीकंडक्टर का प्रयोग मोबाइल फोन, कारों सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में होता है। फिलहाल, इस कलपुर्जे को भारत में निर्माण नहीं किया जाता, भारत इसके लिए ताइवान, जापान और चीन पर निर्भर है। यह संयंत्र शुरू होने से भारत सेमीकंडक्टर के मामले में आत्मनिर्भर बननेवाला है।
टाटा-एयरबस प्रोजेक्ट
केंद्र सरकार ने घोषणा की थी कि टाटा और एयरबस भारतीय वायु सेना के लिए सी-२९५ ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट बनाएंगे और यह परियोजना गुजरात में स्थापित की जाएगी। सितंबर २०२१ में रक्षा मंत्रालय ने ५६ सी-२९५ के उत्पादन के लिए एयरबस एंड डिफेंस एंड स्पेस के साथ २२,००० करोड़ रुपए के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। हालांकि, तब तक मैन्युपैâक्चरिंग यूनिट के लिए कोई जगह तय नहीं हो पाई थी, लेकिन गुजरात पर विचार चल रहा था। यह परियोजना भी शरुआत में महाराष्ट्र में स्थापित की जानी थी।
डायमंड एक्सचेंज
गुजरात २,००० एकड़ में फैले सूरत में एक चमकदार हीरे का हब विकसित कर रहा है, जिसके पूरा होने के बाद पीएम मोदी द्वारा उद्घाटन किया जाएगा। यह परियोजना भी महाराष्ट्र राज्य में स्थापित की जानी थी। प्रोत्साहित हब को मुंबई में हीरा बाजार के लिए संभावित खतरे के रूप में देखा जा रहा है। इसके अलावा सूरत डायमंड बोर्स भी मुंबई के हीरा व्यापारियों को अपने कारोबार को गुजरात के शहर में स्थानांतरित करने की कोशिश कर रहा है।
पनडुब्बी परियोजना
भारत की पहली पनडुब्बी परियोजना गुजरात के द्वारका भेज दी गई। इसके पहले यह परियोजना महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के निवाती रॉक में बनाई गई थी, जिसे गुजरात भेज दिया गया। बता दें कि इस परियोजना की घोषणा महाराष्ट्र सरकार ने साल २०१८ में की थी। दुर्भाग्यवश, परियोजना धरातल पर नहीं उतर सकी। इसे लेकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), कांग्रेस और राकांपा के कई छोटे-बड़े नेताओ ने शिंदे सरकार पर निशाना साधा था। हालांकि सीएम एकनाथ शिंदे ने इस बात का खंडन किया था।
फडणवीस ने घाव पर छिड़का नमक 
गुजरात के हाथों परियोजनाएं गंवाने को लेकर जहां महाराष्ट्र की जनता और विपक्षी नेता सरकार की आलोचना कर रहे  थे, वहीं उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र की जनता के घाव पर नमक छिड़कने का काम किया। एक मीडिया चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा कि गुजरात पड़ोसी राज्य पाकिस्तान नहीं है। कुछ परियोजनाओं का दूसरे राज्यों में जाना स्वाभाविक है। उन्होंने आगे कहा कि हम प्रतिस्पर्धी संघवाद के युग में हैं और निवेश के लिए प्रतिस्पर्धा करने वाले राज्यों की संख्या पहले के २-३ से बढ़कर अब १० हो गई है, जो एक स्वागत योग्य कदम है। कोई कंपनी गुजरात, कर्नाटक या दिल्ली जा रही है, यह पाकिस्तान नहीं है, यह हमारा देश है।

आदित्य ठाकरे ने उठाए सवाल 
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता व विधायक आदित्य ठाकरे ने कई परियोजनाओं के गुजरात जाने के बाद शिंदे सरकार पर सवाल उठाए थे, उन्होंने कहा कि क्या राज्य सरकार जवाब देगी कि ये परियोजनाएं प्रदेश से बाहर क्यों जा रही हैं? उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र में गद्दार सरकार के सत्ता में आने के बाद से अब तक कई परियोजनाएं चली गर्र्इं। उन्होंने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार महामारी के दौरान भी राज्य में निवेश लाने में कामयाब रही थी, लेकिन यह सरकार ऐसा करने में विफल रही है।

मुख्यमंत्री में नहीं है दम
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जब शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) छोड़ी तो वे भाजपा के गुलाम बन गए। उन्हें केवल नाम के लिए ही मुख्यमंत्री बनाया गया है। मुख्यमंत्री के पास कोई निर्णय लेने की ताकत नहीं है। भाजपा वाले जो कहते हैं, केवल उतना ही शिंदे करते हैं।
  राजन विचारे, (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)
ठाणे 

महाराष्ट्र के साथ हो रहा गलत
शिंदे-भाजपा-अजीत गुट की सरकार आने के बाद से ही महाराष्ट्र राज्य के साथ पक्षपात की राजनीति की जा रही है। महाराष्ट्र में होने वाले निवेश को गुजरात ले जाया जा रहा है और वर्तमान सरकार केंद्र की इस गलत कार्रवाई में साथ दे रही है। इसका खामियाजा चुनाव में इन पार्टियों को भुगतना पड़ सकता है।
 सिद्देश दराने, ठाणे

युवाओं को किया जा रहा बेरोजगार
महाराष्ट्र राज्य में रोजगार को लेकर महाविकास आघाड़ी सरकार ने अनेक परियोजनाओं को महाराष्ट्र में स्थापित करने की कोशिश की थी। इस कोशिश में कामयाब होने के बावजूद महाराष्ट्र की परियोजनाओं को शिंदे सरकार के राज में गुजरात ले जाया गया, जो कि महाराष्ट्र के लोगों के साथ गलत है। इन्हीं नीतियों के कारण यहां का युवा बेरोजगार बना हुआ है।
   निहाल खोखले, ठाणे

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