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पानी रे पानी तेरा रंग कैसा… मटमैले पानी से परेशान नई मुंबईकर!पानी की कटौती बना कोढ़ में खाज, बुनियादी ढांचा बदलने की हो रही मांग

सामना संवाददाता / नई मुंबई
जलापूर्ति में हो रही लगातार कटौती और नलों से आ रहे गंदे पानी से नई मुंबई के लोग काफी परेशान हैं। कुछ इलाकों में गंदा पानी काफी समय से आ रहा है तो कुछ इलाकों में पिछले ३-४ दिनों से, वहीं पानी की कटौती होने से कोढ़ में खाज वाली स्थिति हो गई है। बताया जा रहा है कि देर से आए मानसून की वजह से नई मुंबई महानगरपालिका ने जलापूर्ति में कटौती शुरू कर दी थी, लेकिन अब जबकि मोरबी डैम का जलस्तर संतोषजनक है इसके बावजूद पानी में कटौती से लोगों में नाराजगी है।
सोसायटियों में आ रहा गंदा पानी
तुर्भे स्टोर के स्लम में रहने वाले प्रजापति पाल, जुईनगर की विजया जोशी या फिर ऐरोली की पॉश बिल्डिंग में १९वीं मंजिल पर रह रहींr शोभिता जैन सभी एक ही समस्या से जूझ रहे हैं और वह समस्या है मटमैल पानी की। शोभिता जैन बताती हैं कि उनकी बिल्डिंग में फिलहाल २ घंटे पानी आता है, जबकि पहले २४ घंटे पानी आता था। पीने के पानी के लिए उन्हें बाहर से खरीदना पड़ रहा है। प्रजापति पाल ऑटो चलाते हैं, उनका कहना है कि पूरे परिवार के लिए बिसलेरी खरीदना उनकी मजबूरी है। उनकी रोजमर्रा की कमाई का आधा हिस्सा पानी खरीदने में ही खर्च हो रहा है। बच्चों की सेहत का सवाल है इसलिए पानी खरीदना मजबूरी है। पेशे से टीचर सुनीता रावत को इस बात की नाराजगी है कि लगातार पानी की कटौती से उनकी पूरी दिनचर्या डिस्टर्ब हो जाती है। पानी का समय बदल गया है, लेकिन पानी की धार उतनी ही पतली है।

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