– मौन है शिंदे-फडणवीस सरकार
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
महाराष्ट्र के सरकारी स्कूलों और आंगनवाड़ी के बच्चों को राज्य सरकार की ओर से पोषण आहार योजना चलाई जा रही है। इस पोषण आहार को बाकायदा पकाकर दिया जा रहा है। हालांकि, शिंदे-भाजपा सरकार के राज में बीते कुछ दिनों से बच्चों को दिए जाने वाले पोषण आहार में कीड़े मिलने की कई घटनाएं सामने आई हैं। आरोप है कि घटिया दर्जे का पोषण आहार देकर बच्चों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। ऐसे में अभिभावकों ने गुहार लगाते हुए कहा है कि कम से कम बच्चों पर तो सरकार रहम करे इसके बावजूद शिंदे-फडणवीस सरकार इस पर मौन बनी हुई है।
उल्लेखनीय है कि पोषण आहार योजना के तहत स्थानीय निकायों, सरकारी, निजी सहायता प्राप्त और अर्ध-सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा १ से ८वीं तक के छात्रों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराया जाता है। योजना के तहत छात्रों को ४५ कैलोरी, जबकि ६ठीं से ८वीं तक उच्च प्राथमिक कक्षाओं के छात्रों के लिए ७०० कैलोरी और १२ ग्राम प्रोटीन युक्त मध्याह्न भोजन प्रदान किया जा रहा है। घाती राज में स्कूल प्रबंधन समिति को स्कूल पोषण आहार योजना को लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। दूसरी तरफ योजना के तहत भोजन पकाने का कार्य महिला बचत गट, जरूरतमंद महिलाओं और गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा किया जाता है। इस योजना के लिए आवश्यक चावल केंद्र सरकार से नि:शुल्क प्राप्त होता है। हालांकि, घाती राज में छात्रों को मिलने वाले पोषण आहार में कीड़े मिलने की घटनाएं बढ़ गई हैं। इन घटनाओं को लेकर जहां छात्रों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, वहीं उनके अभिभावकों में भी गुस्से की लहर है।
तीन जिलों के स्कूलों के पोषण अहार में मिले कीड़े
जानकारी के मुताबिक कल कोल्हापुर में भोजन के समय जिला परिषद स्कूल के २०० छात्रों को जब खिचड़ी परोसी गई तो, उसमें कीड़े मिले। हालांकि, घटना का पता तब चला जब कुछ बच्चों को उल्टी की शिकायत महसूस होने लगी। बताया गया कि घटिया दर्जे की खिचड़ी आपूर्ति की शिकायत के बावजूद जिप ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसी तरह एक स्कूल में पीएम पोषण आहार निर्माण पहल के तहत न्यूट्रीशन मिल्क बार नामक चाकलेट में कीड़ा मिला है। इसका पर्दाफाश खुद स्कूल प्रबंधन समिति ने किया और कार्रवाई करने की मांग की।
घाती राज में स्कूली बच्चों की जान से खिलवाड़ चल रहा है। इससे पहले भी पोषाहार में मरा हुआ सांप, चूहे का मल और छिपकली मिल चुके हैं। सरकारी लापरवाही के कारण सामने आ रही इन घटनाओं ने नागरिकों में भारी गुस्सा दिखाई दे रहा है। साथ ही सरकार के खिलाफ जमकर हमले किए जा रहे हैं।