सामना संवाददाता / मुंबई
मध्य रेलवे की लोकल ट्रेनों से यात्रा करने वाले यात्री पिछले ३ दिनों से ट्रेन की देरी और कैंसिलेशन से परेशान हैं। कड़कती धूप में उन्हें घंटों ट्रेन में यात्रा करते हुए गुजारना पड़ रहा है। उनके सामान्य यात्रा में भी मध्य रेलवे के तकनीकी खराबी की वजह से अधिक समय लग रहा है। बता दें कि कुछ दिनों पहले मध्य रेलवे द्वारा ६३ और ३६ घंटे का बड़ा ब्लॉक लिया गया था। इस दौरान करीबन ९५० ट्रेनों की सेवाएं रद्द की गई थी। कल एक बार फिर तकनीकी दिक्कत होने के कारण यात्री परेशान नजर आए। मध्य रेलवे में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) और ठाणे स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म इन्फ्रॉस्ट्रक्चर का विस्तार करने के लिए ६३ और ३६ घंटे का बड़ा ब्लॉक लिया गया। यह ब्लॉक रविवार के अलावा वर्किंग डे में भी लिया गया, जिसकी वजह से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इस ब्लॉक का मकसद था ठाणे में प्लेटफॉर्म नंबर ५-६ को चौड़ा करने और सीएसएमटी में प्लेटफॉर्म नंबर १०-११ को नॉन-इंटरलॉकिंग का काम पूर्ण करना। मध्य रेलवे ने इस ब्लॉक अवधि के दौरान निर्धारित कार्यों को पूरा करने का दावा किया, लेकिन अगले ही दिन सोमवार सुबह से ही सीएसएमटी स्टेशन पर नए इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में तकनीकी खराबी आ गई। इसके अलावा कोपर-दीवा के बीच में भी सिग्नल सिस्टम में खराबी आ गई थी। इससे लोकल की समय-सारिणी बिगड़ गई। लोकल की स्पीड बहुत कम होने के कारण स्थानीय लोकल एक के पीछे एक ख़ड़ी थी। ऐसे में मंगलवार सुबह ४.३० बजे परेल में ब्रेकडाउन होने से लोकल सेवाएं बाधित हो गईं। चूंकि लोकल ट्रेनें आगे नहीं बढ़ रहीं थी, इसलिए परेशान यात्री ट्रेन से उतरकर पैदल ही चलने लगे। मुख्य मार्ग पर लोकल ट्रेनें करीब ३० से ३५ मिनट की देरी से चल रही थीं।
३ दिन से तंग हैं यात्री
यह टेक्निकली दिक्कत की समस्या वापस कल भी हुई, जिससे दोपहर के वक्त यात्रा करने वाले यात्री ट्रेन के इंतजार में काफी समय तक स्टेशन पर बिताए। एक यात्री ने बताया कि डोंबिवली से दादर की यात्रा पूरा करने में १.३० घंटे से भी ज्यादा का समय लगा। ऐसे में सवाल उठता है कि मध्य रेलवे द्वारा यात्रियों की सुविधाओं का ख्याल क्यों नहीं रखा जा रहा है। तकनीकी दिक्कतों से कब तक यात्री परेशान होते रहेंगे। कल की देरी के कारण सीएसएमटी जाने वाले लोगों को परेशानी हुई। एक यात्री ने बताया की ब्लॉक के बाद बेहतर सुविधा की उम्मीद थी, लेकिन यहां ३ दिनों से देरी की ही मार झेल रहे हैं। गर्मी ज्यादा होने के कारण घंटों ट्रेन में यात्रा करना कितना तकलीफदेह होता है यह अधिकारियों को तब समझ में आएगा जब वे खुद यात्रा करेंगे।