पुनर्विचार के लिए मांगा समय
अंतिम सांस तक कार्यकर्ताओं के साथ
शरद पवार द्वारा रिटायरमेंट की घोषणा के बाद भी कुछ समय तक उनका भाषण जारी रहा। सभी लोग शांति से उनका भाषण सुनते रहे। उन्होंने कहा कि मैं भले रिटायर हो रहा हूं, लेकिन आप लोगों के साथ ही कंधे से कंधा मिलाकर काम करता रहूंगा। आप लोगों के साथ हूं और आखिरी
सांस तक रहूंगा।
सामना संवाददाता / मुंबई
रोटी घुमानी पड़ती है, घुमाई नहीं तो जल जाती है इसलिए अब रोटी घुमाने का समय आ गया है, ऐसी सूचनात्मक टिप्पणी करनेवाले राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष व सांसद शरद पवार ने झटकातंत्र का इस्तेमाल कर पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे की घोषणा कर दी। पवार के इस अप्रत्याशित निर्णय ने उनके सहयोगी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को भावुक कर दिया। अपेक्षा के विपरीत घोषित इस पैâसले से राष्ट्रवादी के नेता और कार्यकर्ता स्तब्ध रह गए। कार्यकर्ताओं के दिल टूट गए, इस्तीफे का पैâसला वापस लेने के लिए कार्यकर्ताओं ने यशवंतराव चव्हाण हॉल में जोरदार घोषणाबाजी शुरू कर दी। आखिरकार शरद पवार को कहना पड़ा कि इस पैâसले को पीछे लेने के लिए उन्हें दो-तीन दिनों की मोहलत चाहिए। पवार का यह संदेश मिलने के बाद ही कार्यकर्ता वहां से हिले।
शरद पवार के राजनैतिक आत्मकथा ‘लोक माझे सांगती’ के संशोधित संस्करण का विमोचन समारोह यशवंतराव चव्हाण सभागार में आयोजित किया गया था।
इसी कार्यक्रम में पवार ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया। कुछ दिनों पहले राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस के युवा मंथन कार्यक्रम में युवा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि रोटी घुमाने का वक्त आ गया है, अब देरी करना सही नहीं है। उसी वक्त से ऐसा लग रहा था कि शरद पवार पार्टी में कुछ परिवर्तन करेंगे, लेकिन उन्होंने खुद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।