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‘आपला दवाखाना’ से मरीजों ने फेरा मुंह! … सेंटरों में न तो दवाइयां हैं न ही जांच हो रही है  

-स्टाफ में हो चुकी है कटौती 
-ठेकेदारों को मनपा नहीं दे रही है पैसा  
– सेंटर का परिचालन मात्र कागजों पर

सामना संवाददाता / ठाणे
महाराष्ट्र सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘आपला दवाखाना’ से मरीज मुंह फेर रहे हैं। कई सेंटरों में रोजाना केवल २ से ५ ही मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। कभी-कभी तो एक भी मरीज नहीं आता है। बताया जा रहा है कि ठाणे मनपा ठेकेदारों का बिल चुकाने में आना-कानी कर रही है जिससे समस्याएं बढ़ गई हैं। बताया जाता है कि पैसों के आभाव में सेंटरों में न तो दवाइयां उपलब्ध हैं और न ही जांच समय पर हो पा रही है। यही नहीं कई सेंटरों में तो स्टाफ में भी कटौती की गई है।
छह महीनों से नहीं मिला पैसा 
ठाणे मनपा की सीमा में कुल ४६ ‘आपला दवाखाना’ शुरू किए गए थे। नागरिकों द्वारा शुरुआती दौर में ‘आपला दवाखाना’ को अच्छा प्रतिसाद मिल रहा था, लेकिन अब नहीं मिल रहा है। पहले हर क्लीनिक में औसतन ७५ मरीज आते थ, जो अब लगातार कम हो रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, ‘आपला दवाखानों’ को ठेके पद्धति पर चलाया जाता है। ठेकेदारों को मनपा द्वारा समय-समय पर राशि उपलब्ध कराई जाती है, लेकिन पिछले छह महीनों से राशि देना बंद कर दी गई है, जिससे ठेकेदारों के भी सामने समस्या आ गई है। यह भी बताया जा रहा है कि प्रत्येक क्लिनिक में एक डॉक्टर और दो नर्स स्टाफ के रूप में रखे गए थे, लेकिन बीच में स्टाफ में कटौती करते हुए एक नर्स की संख्या कम कर दी गई।
आ रही ये समस्याएं
डॉक्टरों और नर्सों के वेतन सहित अन्य खर्चों को पूरा करने में ठेकेदारों को मुश्किलें पैदा हो रही हैं। बिल का भुगतान नहीं होने पर संबंधित ठेकेदार मनपा को सेंटर बंद करने की चेतावनी देने लगे हैं। हालांकि, मनपा का कहना है कि बिलों का भुगतान चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा, जबकि ठेकेदारों का कहना है कि बीच में कुछ बिलों के भुगतान किए गए थे, लेकिन अब फिर से वही समस्या होने लगी है।

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