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२०५० तक गायब हो जाएंगे पेंग्विन, बाघ और कछुए! …एआई ने दिखाया आईना

इंसान ने इस धरती के तमाम संसाधनों का इतना दुरुपयोग किया है कि अब दूसरे जीवों के लिए संसाधनों की कमी हो गई है। जिस हिसाब से दुनिया की इंसानी आबादी बढ़ रही है, उस हिसाब से अब संसाधन बचे ही नहीं है, ऐसे में हम जीव-जंतुओं के लिए बचे संसाधनों का भी इस्तेमाल करते जा रहे हैं। उनके अभाव में वो विलुप्त होने के कगार पर हैं। कई ऐसे जीव इस दुनिया में मौजूद हैं, जो पहले से ही विलुप्त हो चुके हैं। कई ऐसे हैं जो होने वाले हैं। पर जब हाल ही में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से पूछा गया कि साल २०५० तक कौन से जीव विलुप्त हो जाएंगे। हाल ही में एआई टूल जेमिनी से पूछा कि साल २०५० तक कौन से जीव विलुप्त हो जाएंगे? तब ऐसे जानवरों के नाम सामने आए जिनका विलुप्त हो जाना प्रकृति के लिए बहुत बड़े नुकसान के बराबर होगा। एआई टूल ने कहा कि साल २०५० तक पोलर बियर धरती पर नहीं रहेंगे। जलवायु परिवर्तन की वजह से और आर्कटिक सागर की बर्फ पिघलने के कारण उन्हें खाने की कमी हो रही है। इसके अलावा जो दूसरा जीव है, उसका नाम है वेस्टर्न गोरिल्ला। तेज रफ्तार से पेड़ों की कटाई के चलते ये जीव अपना घर खो रहे हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में इनका शिकार भी हो रहा है।
सुमात्रा के टाइगरों के साथ भी यही अंजाम हो रहा है और वो भी २०५० तक विलुप्त हो सकते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने समुद्री स्तनधारियों में सबसे असुरक्षित जीव वाकुइटा को बताया जो अक्सर फिशिंग नेट में फंस जाते हैं, जिससे उनकी मौत हो जाती है। पक्षियों की दुनिया में भी जलवायु परिवर्तन का बहुत बुरा असर पड़ रहा है। इसमें पेंगुइन भी शामिल हैं, जो २०५० तक ब्रीडिंग ग्राउंड की कमी की वजह से विलुप्त हो सकते हैं। इसके अलावा एटलांटिक पफिन पक्षी का अंजाम भी ऐसा ही हो सकता है।

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