– खतरनाक इमारतों का नहीं हो रहा पुनर्विकास
-बिल्डरों की लापरवाही के चलते वर्षों से ठप पड़ा है काम
नागेंद्र शुक्ला / मुंबई
मुंबई में बढ़ती गर्मी से निजात पाने के लिए जहां लोग बरसात की बाट जोह रहे हैं, वहीं दूसरी ओर हजारों जर्जर इमारतों में यहां रहने वाले अपनी जान को लेकर खतरे में जीने को मजबूर हैं। दक्षिण मुंबई में १४ हजार जर्जर इमारतों के बाद अंधेरी और मुलुंड स्थित पीएमजीपी कॉलोनियों में ७२ जर्जर इमारतों में रहने वाले २,४५१ अपनी जान हथेली पर लेकर जी रहें हैं। बिल्डरों की लापरवाही के चलते वर्षों से इन इमारतों के पुनर्विकास का काम ठप पड़ा है। आचार संहिता समाप्त होने के बाद म्हाडा इन इमारतों के पुनर्विकास के लिए टेंडर निकालने की बात कह रहा है।
दक्षिण मुंबई में १४ हजार से अधिक जर्जर इमारतें
बता दें कि १४ हजार से अधिक जर्जर इमारतें दक्षिण मुंबई में है, जिनमें सैकड़ों परिवार रहते हैं। हाल ही में मनपा और म्हाडा ने जर्जर इमारतों की लिस्ट जारी कर अपना हाथ झटक लिया है। इनमें कई इमारतों के पुनर्विकास की एनओसी म्हाडा की तरफ से बिल्डरों को दी गई है, लेकिन सालों से बिल्डरों का कार्य ठप पड़ा है। इन जर्जर इमारतों में अंधेरी के पूनम नगर की १७ और मुलुंड पीएमजीपी कॉलोनी की ५५ इमारतों की स्थिति बेहद ही गंभीर है। इन ७२ जर्जर इमारतों में करीब २,४५१ लोग रहते हैं।
म्हाडा ने रद्द की बिल्डर की एनओसी
अंधेरी पूनम नगर के रहिवासियों के लिए १६ वर्ष पूर्व पुनर्विकास की एनओसी म्हाडा की तरफ से एक बिल्डर को दी गई थी, लेकिन आज तक पुनर्विकास की एक ईंट भी नहीं रखी गई है। रहिवासियों की शिकायत के बाद म्हाडा द्वारा बिल्डर को दी गई एनओसी रद्द कर दी गई और दूसरे विकासक की तलाश की जा रही है। इमारत में रहने वाले लोग अपनी जान जोखिम में डालकर जीने को मजबूर हैं।
बिल्डर ने सेल इमारत बेचा, जर्जर इमारतों को छोड़ दिया
मुलुंड पीएमजीपी कॉलोनी की भी हालत जस की तस है। २४ एकड़ में पैâली इस कॉलोनी में कुल ५५ इमारतें हैं, जहां करीब १,४६७ परिवार रहते हैं। इनमें से कुछ इमारतों का पुनर्विकास बिल्डर द्वारा किया गया है, जिसके एवज में बिल्डर ने अपना सेल बिल्डिंग बनाकर बेच दिया। लेकिन उसके बदले म्हाडा को अभी तक एक भी घर नहीं मिला है। बिल्डर ने शेष जर्जर इमारतों को उनकी हालत पर छोड़ दिया है।
क्या कहते हैं अधिकारी?
इस बारे में म्हाडा के मुख्य अधिकारी मिलिंद बोरीकर का कहना है कि आचार संहिता समाप्त होने के बाद हम पीएमजीपी कॉलोनी के इमारतों को गंभीरता से लेंगे, साथ ही टेंडर प्रक्रिया जारी कर पुनर्विकास करेंगे।