मनमोहन सिंह
हिमाचल प्रदेश में २७ फरवरी को राज्यसभा चुनाव में हुए क्रॉस वोटिंग के बाद प्रदेश में राजनीतिक संकट पैदा हो गया था। हालांकि, वक्त रहते कांग्रेस सरकार ने स्थिति को संभाल लिया। वहीं अब इसको लेकर वैâबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी ने भाजपा पर निशाना साधा है। वैसे भी प्रदेश के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी सीधे, सपाट और बिना लाग-लपेट के बात रखने के लिए जाने जाते हैं। `दोपहर का सामना’ के संवाददाता मनमोहन सिंह ने नेगी से टेलीफोनिक बातचीत की तो उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया कि भाजपा ने हिमाचल में सरकार गिराने की बहुत कोशिश की, लेकिन भाजपा का ऑपरेशन लोटस का सपना टूट गया। ऐसे ही तमाम बातें उन्होंने बतार्इं। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश…
आपका दावा है कि भाजपा ने राज्य में सरकार पलटने की कोशिश की?
बिल्कुल सही है। यहां की सरकार को गिराने के लिए साजिश रची गई। हिमाचल में अरबों रुपए का लेन-देन होने के बाद भी भाजपा का सरकार गिराने का षड्यंत्र पूरा नहीं हो पाया और भाजपा का ऑपरेशन लोटस का सपना टूट गया। प्रदेश में राजनीतिक संकट खड़ा करने की साजिश पूरी तरह से नाकाम हो चुकी है। जिस कारण अब भाजपा नेताओं में बौखलाहट है। भाजपा ने जनता द्वारा एक चुनी हुई सरकार को गिराने के लिए अरबों रुपए का लेन-देन किया। विधायकों की खरीद-फरोख्त की, लेकिन भाजपा की मंशा पूरी नहीं हो सकी।
ये तो सिर्फ आरोप हैं?
यह आरोप नहीं, बल्कि सच्चाई है। राज्य सरकार के पास हॉर्स ट्रेडिंग के पुख्ता सबूत हैं। कांग्रेस के पास ४० विधायक थे और तीन निर्दलीय विधायकों का भी राज्य सरकार को समर्थन था। इसके बाद भी आखिर ऐसा कौन सा जादू चला कि तीन निर्दलीय विधायकों सहित कांग्रेस के छह विधायक भाजपा के साथ जा मिले। यह नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और भाजपा का सत्ता लोभ था कि उन्होंने प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की। इस काम में केंद्र ने भी प्रदेश सरकार गिराने के लिए षड्यंत्र में भाजपा का साथ दिया है। इसके लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया गया। कांग्रेस के छह बागी विधायकों को केंद्र सरकार ने सुरक्षा प्रदान की। उन्हें चार्टर्ड प्लेन और हेलिकॉप्टर की सैर कराई गई और महंगे फाइव स्टार होटलों में ठहराया गया। लेकिन इसके बाद भी भाजपा अपने षड्यंत्र में कामयाब नहीं हुई।
आपको इतना विश्वास कैसे है कि कांग्रेस जीतेगी?
इसकी भी एक वजह है। हमारे पास आम लोगों की ताकत है। भाजपा के पास अगर धनबल है तो कांग्रेस सरकार के पीछे जनता की ताकत है। इसके दम पर ही सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार अपना पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करेगी। यही नहीं, जनता के विश्वास पर खरा उतरते हुए वर्ष २०२७ में कांग्रेस फिर सरकार बनाएगी। सच तो यह है कि जयराम ठाकुर साल २०२२ में मिले जनादेश को पचा नहीं पा रहे हैं इसलिए जो काम जनता के वोट से नहीं हो पाया, उसे भाजपा ने धनबल से करने का प्रयास किया है, जो असफल हो चुका है। प्रदेश की जनता बिकाऊ राजनीति पर नहीं, बल्कि टिकाऊ राजनीति में विश्वास रखती है। ऐसे में जनता खरीदने वालों और बिकाऊ नेताओं को सबक सिखाने के लिए तैयार बैठी है। हिमाचल ईमानदार प्रदेश है। ईमानदारों का प्रदेश है और कांग्रेस ईमानदार है। वह जानती है इसलिए सरकार तो हमारी ही बनेगी।